जयपुर

Rasta Khol Abhiyan: रास्ता खोलो अभियान बना ग्रामीणों की राहत का माध्यम, जयपुर में खुले 1310 रास्ते

Encroachment Free Roads : 50 साल पुराने अतिक्रमण पर चला प्रशासन का बुलडोजर, गांवों में लौटी सुगम राह, हर सप्ताह खुल रहे तीन रास्ते।

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Jul 06, 2025
जयपुर जिले में खुलवाए गए 1 हजार 310 रास्ते, लाखों ग्रामीणों की राहें हुईं आसान। फोटो-पत्रिका।

Good Governance: जयपुर। जयपुर जिले में संचालित ‘रास्ता खोलो अभियान’ ने ग्रामीण क्षेत्रों में सुशासन और समावेशी विकास की एक नई मिसाल कायम की है। आठ माह से भी कम समय में 1310 लंबे समय से बंद रास्ते खुलवाकर प्रशासन ने लाखों ग्रामीणों की दैनिक आवाजाही को आसान बना दिया है।

इस अभियान की नियमित मॉनिटरिंग स्वयं जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी कर रहे हैं। फागी में सबसे अधिक 118 रास्ते, जबकि मौजमाबाद में 96 रास्ते खुलवाकर ग्रामीणों को सीधी राहत दी गई है।

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फागी के लदाना गांव की मिसाल

50 वर्षों से अतिक्रमण के कारण बंद पड़े मुख्य आबादी से श्मशान घाट तक के रास्ते को केवल तीन दिन में अतिक्रमण मुक्त कर 4 फीट की गली को 12 फीट चौड़े सीसी रोड में बदल दिया गया। इस कार्यवाही से न सिर्फ रास्ता साफ हुआ बल्कि drainage व्यवस्था भी सुधरी।

अभियान का आंकड़ों में प्रभाव

15 नवंबर 2024 से 4 जुलाई 2025 तक, जयपुर जिले की विभिन्न तहसीलों में निम्न प्रकार से रास्ते खुलवाए गए

फागी: 118, चौमूं: 88, शाहपुरा: 82, चाकसू: 75, आंधी: 74, फुलेरा: 73, माधोराजपुरा: 70, आमेर व बस्सी: 69-69, जमवारामगढ़ व किशनगढ़-रेनवाल: 60-60, दूदू: 68, रामपुरा-डाबड़ी: 57, कोटखावदा: 51, तूंगा व जालसू: 45-45, सांगानेर: 27, जयपुर सिटी: 4 आदि।

न्यायालयीय प्रकरणों का समाधान भी प्राथमिकता में

जिन रास्तों को लेकर वाद न्यायालय में विचाराधीन हैं, वहां संबंधित पक्षों को न्यायालय से समाधान लेने के लिए निर्देशित किया गया है। वहीं अधिकांश अतिक्रमण प्रकरणों को आपसी सहमति, समझाइश और जनसुनवाई के आधार पर निपटाया जा रहा है।

भविष्य की कार्य योजना

जिला कलक्टर ने निर्देश दिए हैं कि खुले गए रास्तों पर शीघ्र ही ग्रेवल या सीसी रोड का निर्माण कराया जाए। कई स्थानों पर यह कार्य प्रारंभ भी हो चुका है, जिससे न केवल स्थायी राहत मिलेगी, बल्कि ग्रामीण अवसंरचना भी सुदृढ़ होगी।

क्रांतिकारी पहल साबित

‘रास्ता खोलो अभियान’ न केवल प्रशासनिक संवेदनशीलता और तत्परता का परिचायक बन चुका है, बल्कि यह ग्रामीणों के जीवन में बदलाव लाने वाली एक क्रांतिकारी पहल साबित हो रही है। यह पहल गांव-गांव में सुशासन का रास्ता खोल रही है।

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Published on:
06 Jul 2025 09:56 pm
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