RERA Registration: जयपुर में रेरा बैठक के बड़े फैसले: ग्राहकों के लिए बड़ी राहत, अब नहीं मिलेगा रेरा से एक्जेम्पशन सर्टिफिकेट, रेरा के फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर में बढ़ेगा विश्वास।
RERA Rajasthan: जयपुर। रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और आमजन के हितों की रक्षा को लेकर राजस्थान रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने कई अहम फैसले लिए हैं। इनका उद्देश्य लोगों को आकर्षक वादों से होने वाली धोखाधड़ी से बचाना और प्रमोटर्स की समस्याओं का समाधान करना है।
अब से हर रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के विज्ञापन में बड़े फॉन्ट में जरूरी जानकारी देना अनिवार्य होगा। साथ ही, विज्ञापन में स्पष्ट रूप से क्यूआर कोड, रजिस्ट्रेशन नंबर और रेरा की वेबसाइट का पता प्रकाशित करना जरूरी होगा। इससे ग्राहक क्यूआर कोड स्कैन कर परियोजना की सटीक जानकारी हासिल कर सकेंगे।
रेरा ने फार्म हाउस योजना लाने वालों को राहत देते हुए स्टैंडर्ड फीस को 5 रुपए प्रति वर्गमीटर से घटाकर 3 रुपए कर दिया है। इससे फार्म हाउस योजनाएं लाने वाले डेवलपर्स को लागत में राहत मिलेगी।
अब ग्रुप हाउसिंग और प्लॉटेड डेवलपमेंट परियोजनाओं के लिए अलग-अलग एग्रीमेंट फॉर्मेट तैयार किए जाएंगे। इसके लिए रेरा चेयरमैन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है, जो नियमों में आवश्यक सुधार की सिफारिश भी कर सकती है।
अब रेरा में प्रोजेक्ट पंजीकरण के समय स्ट्रक्चरल ड्राइंग प्रस्तुत करना जरूरी नहीं होगा। प्रमोटर्स की लंबे समय से यह मांग थी, क्योंकि ऐसी ड्राइंग तैयार करने में अधिक समय लगता है।
रेरा नियमों के उल्लंघन पर जब्त की गई संपत्तियों की अब ई-ऑक्शन के जरिए बिक्री होगी। यह जिम्मेदारी केंद्र सरकार के उपक्रम MSTC लिमिटेड को सौंपी गई है, जिसके साथ राजस्थान रेरा जल्द समझौता करेगा।