Narsh Meena SDM Slapping Case: देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान समरावता गांव में हुई हिंसा और उपद्रव मामले में हाईकोर्ट ने पुलिस से केस डायरी तलब की है।
Narsh Meena SDM Slapping Case: देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान समरावता गांव में हुई हिंसा और उपद्रव मामले में हाईकोर्ट ने पुलिस से केस डायरी तलब की है। जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने नरेश मीणा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए। अब इस मामले में अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी।
बता दें, हाईकोर्ट में आज समरावता गांव में हुई हिंसा के मामले में नरेश मीणा की ओर से जमानत याचिका लगाई गई थी।
दरअसल, नरेश मीणा की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट डॉ. महेश शर्मा ने कोर्ट में तर्क दिया कि जब समरावता में हिंसा हुई, तब नरेश मीणा पहले से ही पुलिस हिरासत में थे। उनका कहना था कि राजनीति से प्रेरित होकर नरेश मीणा के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने अदालत को बताया कि नरेश मीणा पर कुल 24 केस दर्ज हैं, लेकिन यह सब राजनीति के चलते किए गए हैं।
हालांकि, कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि मुख्य आरोपी होने के नाते नरेश मीणा पर हिंसा भड़काने का आरोप कैसे नहीं लगाया जा सकता?
बताते चलें कि इस मामले में विवाद की शुरुआत तब हुई जब समरावता गांव में उपचुनाव के दौरान वोटिंग का बहिष्कार किया गया। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने अधिकारियों पर जबरन मतदान कराने का आरोप लगाया। उन्होंने पोलिंग बूथ पर पहुंचकर SDM अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ दिया और धरने पर बैठ गए।
इसके बाद, पुलिस ने नरेश मीणा को हिरासत में ले लिया, लेकिन उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए उन्हें छुड़ा लिया। घटना के बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें लाठीचार्ज और पथराव की घटनाएं सामने आईं थी। वहीं, हिंसा के बाद पुलिस ने मामले में 61 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें से 18 को टोंक जिला न्यायालय से और 40 को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
गौरतलब है कि अगर हाईकोर्ट से नरेश मीणा को इस मामले में जमानत मिलती है, तो उन्हें जेल से बाहर आने के लिए SDM थप्पड़कांड मामले में भी जमानत लेनी होगी। फिलहाल, इस मामले पर अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी।