
Samrawata Slapping Incident: समरावता थप्पड़कांड मामले को लेकर सोमवार टोंक पहुंची राष्ट्रीय जनजाति आयोग के सदस्यों की टीम ने जिला परिषद सभागार में जिला कलक्टर सौम्या झा, पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान समेत अन्य अधिकारियों के साथ बैठक लेकर पूरा घटनाक्रम जाना। टीम ने सबकी बात सुनी। यह टीम अब मंगलवार को समरावता गांव पहुंचेगी। जहां वे पीड़ितों से रूबरू होंगे। टीम ने अधिकारियों की बैठक के बाद बंद कमरे में विधानसभा उपचुनाव के मतदान के दिन एरिया मजिस्ट्रेट, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, बीएलओ समेत अन्य कर्मचारियों से जानकारी ली।
इधर, सर्किट हाउस में अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के प्रदेशाध्यक्ष केसी घुमरिया एवं अन्य संगठनों ने टीम से बातकर अपना पक्ष रखा। टीम में आयोग सदस्य निरुपम चकमा, सूरज सिंह, अनुसंधान अधिकारी हरिराम मीणा समेत 6 अधिकारी है।
समरावता प्रकरण में जांच अधिकारी संभागीय आयुक्त अजमेर की ओर से टोंक सर्किट हाउस में होने वाली जनसुनवाई को समरावता गांव में आयोजित करने को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश प्रभारी मदनमोहन राजौर ने मुख्य सचिव सुधांशु पंत को पत्र भेजा है।
इसमें मदनमोहन ने लिखा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने प्रकरण की बारीकी से जांच के लिए संभागीय आयुक्त को आदेश दिए हैं। इसके तहत वे 17 जनवरी को टोंक सर्किट हाउस में जनसुनवाई करेंगे। मदनमोहन ने कहा कि अभी सर्दी तेज है। बरसात भी आ रही है। ऐसे में ग्रामीण टोंक आने में परेशान होंगे। ऐसे में जनसुनवाई समरावता गांव में ही आयोजित की जाए। ताकि लोगों को परेशानी नहीं हो।
पिछले वर्ष 13 नवंबर को देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान मतदान के समय समरावता गांव के लोगों ने उनके गांव को उनियारा में शामिल करने की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार किया था। तब निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्राम वासियों की मांग पर ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठ गए थे। मतदान के समय एसडीएम अमित चौधरी ने तीन जनों के वोट डलवा दिए थे। इस पर नरेश ने एसडीएम को थप्पड़ मार दिया था।
इस घटना के दूसरे दिन पुलिस ने नरेश को धरना स्थल से गिरफ्तार किया था, तथा उसके साथ अन्य कई लोगों को भी गिरफ्तार किया था, जिनमें कई आरोपियों की जमानत हो चुकी है।
Published on:
14 Jan 2025 03:07 pm
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