राजधानी के जर्जर और खस्ताहाल सीवरेज सिस्टम को अपग्रेड किया जाएगा। इसके लिए ग्रेटर निगम को नोडल एजेंसी बनाया गया है।
राजधानी के जर्जर और खस्ताहाल सीवरेज सिस्टम को अपग्रेड किया जाएगा। इसके लिए ग्रेटर निगम को नोडल एजेंसी बनाया गया है। अगले छह माह में हैरिटेज निगम, जेडीए, राजस्थान अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट प्रोजेक्ट (आरयूआइडीपी) और राजस्थान अर्बन ड्रिंकिंग वाटर, सीवरेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर (रूडसिको) से ग्रेटर निगम समन्वय कर सीवर लाइनों की जानकारी लेगा।
ग्रेटर निगम को मुख्य लाइनों से लेकर सीवर लाइन, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान्ट और हाउस कनेक्शन के बारे में भी डाटा एकत्र करना होगा। इसी डाटा के आधार पर शहर में सीवर लाइन का काम आने वाले वर्षों में किया जाएगा। द्रव्यवती नदी के किनारे संचालित एसटीपी का बिल प्रतिमाह एक करोड़ रुपए है। इसको खत्म करने के लिए जेडीए सोलर पैनल लगाएगा। इससे बिजली की खपत खत्म हो जाएगी।
दरअसल, नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव टी रविकांत ने मार्च में शहर के कई सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का दौरा किया था। उसके बाद नगरीय विकास विभाग व अन्य महकमों के साथ बैठक हुई और उसमें यह दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
दो चरणों में बनेगी रिपोर्ट
पहला चरण: जर्जर लाइन किस क्षेत्र में है इसकी जानकारी जुटाई जाएगी।
दूसरा चरण: ऐसी कॉलोनियां, जो सीवर लाइन से वंचित हैं उनका डाटा एकत्र किया जाएगा।