भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने गुरुवार को जयपुर में बड़ी कार्रवाई की है। एसएमएस अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष अग्रवाल को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
जयपुर। एसएमएस अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष और SMS मेडिकल कॉलेज में एडिशनल प्रिंसिपल डॉ. मनीष अग्रवाल एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने डॉ. मनीष अग्रवाल को गुरुवार शाम 7 बजे गोपालपुरा पुलिया के पास उनके आवास पर रिश्वत राशि लेते रंगे हाथ पकड़ा।
एसीबी की एडीजी स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि अस्पताल में भामाशाह योजना के तहत ब्रेन हेमरेज होने पर ब्रेन कॉइल सप्लाई करने वाली फर्म से रिश्वत की राशि ली। फर्म के तीन माह के बिलों का भुगतान अटका हुआ था। भुगतान के लिए डॉ. मनीष अग्रवाल के बिल पर हस्ताक्षर होना अनिवार्य है। बिल पर हस्ताक्षर करने के बदले में यह रिश्वत की राशि ले रहा था। उन्होंने बताया कि एसीबी को फर्म प्रतिनिधि ने बुधवार को शिकायत की, जिस पर एएसपी संदीप सारस्वत को ट्रैप की कार्रवाई सौंपी गई।
फर्म का प्रतिनिधि तीन माह के बिल लेकर आरोपी डॉ. मनीष अग्रवाल के पास गया, तब आरोपी डॉ. मनीष ने बिल लेकर फेंक दिए और उसे कहा कि अभी यह बिल पास नहीं होंगे। तब किसी ने फर्म प्रतिनिधि को कहा कि डॉ. मनीष से आप पर्सनल मिलो। इस पर प्रतिनिधि एसीबी के पास पहुंचा और बुधवार को एसीबी ने रिश्वत मांगने का सत्यापन करवाया।
आरोपी ने फर्म प्रतिनिधि को घर बुलाते समय यह भी कहा कि शाम 7 बजे मरीज रहते हैं। इसके बाद ही घर पर पैसे लेकर आना। आरोपी डॉ. मनीष घर पर निजी क्लिनिक भी चलाते हैं। इसलिए शाम को उनके घर पर मरीज और उनके परिजन रहते हैं। प्रतिनिधि 7 बजे आरोपी के घर पहुंच गया।
फर्म प्रतिनिधि आरोपी डॉ. मनीष अग्रवाल के घर में चला गया। उसके कुछ मिनट बाद एसीबी टीम का सदस्य मरीज बनकर घर में घुस गया। तभी आरोपी उसको देखकर चौंक गया और अपने स्टाफ के जगत नाम के व्यक्ति को बुलाने के लिए जोर से चिल्लाया। लेकिन हेड कांस्टेबल ने एसीबी से होना बताया तो आरोपी ने बगल वाले प्लॉट में रिश्वत की राशि फेंक दी, जिसे एसीबी टीम ने बरामद किया।