Women Empowerment : क्या आप जानना चाहते हैं कि उन्होंने किस तरह संघर्षों को हराकर अपने सपनों को साकार किया? कैसे उनका बिजनेस देशभर में पहचान बना चुका है? पढ़िए, यह प्रेरणादायक कहानी!
देवेंद्र सिंह राठौड़
जयपुर. एक साधारण नौकरी छोड़कर अपना खुद का बिजनेस शुरू करना आसान नहीं होता, लेकिन जब हौसला और जज्बा साथ हो, तो नामुमकिन कुछ भी नहीं। जयपुर की सुनीता जाखड़ ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया। सिर्फ 50 हजार रुपये से शुरू किया गया उनका स्टार्टअप आज लाखों में कमाई कर रहा है। लेकिन उनकी ये सफलता सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि कई और महिलाओं की जिंदगी भी बदल रही है। क्या आप जानना चाहते हैं कि उन्होंने किस तरह संघर्षों को हराकर अपने सपनों को साकार किया? कैसे उनका बिजनेस देशभर में पहचान बना चुका है? पढ़िए, यह प्रेरणादायक कहानी!
हौसला और जज्बा हो तो हर सपना हकीकत में बनकर ऊंची उड़ान भरता है। खुद आत्मनिर्भर बनने के साथ दूसरी महिलाओं को भी इस राह में आगे बढ़ाना ही मेरे लिए सपनों की उड़ान जैसा ही है। यह कहना है जगतपुरा निवासी 42 वर्षीय सुनिता जाखड़ का। जिन्होंने 7 वर्ष पहले नौकरी छोड़ स्टार्टअप शुरू किया। इसमें उन्होंने रंग- बिरंगे हैंडबैग बनाना शुरू किया, जिसकी डिजाइन के लिए वह पूरे राजस्थान में घूमती हैं। रंग-बिरंगे हैंडबैग्स बनाने के लिए खेजड़ी के फूल पत्तों, पुरानी टकसाल से मिले सिक्के आदि का प्रयोग कर रही हैं। लोगों की जिंदगियों को डिजिटल प्रिंट में कंवर्ट करके डिजाइनर बैग भी बनवा रही हैं। पहला स्टोर सीकर में खोला, इसके बाद देशभर के स्टोर में ये प्रोडेक्ट्स जा रहे हैं। वह एग्जिबिशन और फेस्टिवल में भी हिस्सा लेती हैं।
सुनीता ने बताया कि वह शुरुआत में अपनी सेविंग्स के 50 हजार रुपए से बिजनेस की शुरुआत की लेकिन बाद में जरूरत पड़ने पर उधार भी लिए। इस दौरान पति भी बिजनेस में पूरी तरह से सहयोग करने लगे। इसकी खास बात यह है कि इससे न केवल वह आत्मनिर्भर बनी बल्कि अन्य महिलाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिल रहे हैं। लैपटॉप बैग, स्लिंग बैग, मोबाइल स्लिंग, मल्टीपर्पस पाउच, कुशन कवर, बेड कवर आदि बनवाती है।
सुनीता ने दोस्तों-रिश्तेदारों को बैग्स देकर प्रतिक्रियाओं के आधार पर प्रोडक्ट्स सुधारे। आज उनकी 11 सदस्यीय टीम महिलाओं को रोजगार दे रही है। उनके प्रोडक्ट्स ऑफलाइन-ऑनलाइन उपलब्ध हैं और अपने बिजनेस से करीब 40 लाख रुपए कमा चुकी हैं।