जयपुर

Rajasthan Crime: फर्जी आधार बनाता, खुद की फोटो लगाकर सिम लेता, फिर साइबर ठगों को बेच देता; ऐसे हुआ खुलासा

Cyber Crime: पुलिस ने ठगों को फर्जी दस्तावेज पर मोबाइल सिम उपलब्ध कराने वाले एक जने को मालपुरा गेट क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से 7 सिम कार्ड, 2 सिम कवर, 2 आधार कार्ड और एक मोबाइल जब्त किया है।

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Jul 24, 2025
आरोपी घनश्याम मीणा और उसके पास से बरामद फर्जी दस्तावेज। फोटो: पत्रिका

जयपुर। साइबर थाना पुलिस ने ठगों को फर्जी दस्तावेज पर मोबाइल सिम उपलब्ध कराने वाले एक जने को मालपुरा गेट क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। एसपी (साइबर) शांतनु कुमार ने बताया कि टोंक के श्रीगोविंदपुरा निवासी घनश्याम मीणा (19) को गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से 7 सिम कार्ड, 2 सिम कवर, 2 आधार कार्ड और एक मोबाइल जब्त किया है।

उन्होंने बताया कि मंगलवार को साइबर थाना पुलिस को सूचना मिली कि मालपुरा गेट स्थित भारती हेक्साकॉम लिमिटेड (एयरटेल) के सांगानेर स्टोर पर एक संदिग्ध ने डिजिटल केवाइसी प्रक्रिया के तहत मोबाइल सिम एक्टिव कराने के लिए आधार कार्ड पेश किया है। तुरंत मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों को पता चला कि आरोपी ने स्टोर पर अनुरोध किया कि इस नंबर को कंपनी के पोस्टपेड फैमिली प्लान के तहत दो मोबाइल नंबरों के साथ जोड़ा जाए।

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ऑनलाइन डाउनलोड करता आधार

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी अलग-अलग व्यक्तियों के नाम के आधार कार्ड ऑनलाइन डाउनलोड करता था। बाद में एप्लिकेशन डाउनलोड कर आधार कार्डों में काट-छांट कर अपनी फोटो लगा लेता था। फिर रंगीन प्रिंट आउट निकालकर वोडाफोन व एयरटेल स्टोर पर पहुंचता। वहां से सिम जारी करवा लेता था।

जारी करवाई सिम को साइबर ठगों से मोटी रकम लेकर बेच देता। आरोपी से सिम कार्ड खरीदने वाले और उसके सहयोगियों के संबंध में पूछताछ की जा रही है। अब पुलिस मोबाइल सिम जारी करने वाले स्टोर संचालकों से पूछताछ करेगी एक ही व्यक्ति की फोटो पर कितनी सिम जारी की गई है

कंपनी की तस्दीक में खुलासा

कंपनी के प्रतिनिधि ने उपरोक्त नंबरों की तस्दीक की, तब पता चला कि उक्त नंबर बबलू मीणा की ओर से आधार कार्ड नंबर 5120 8064 3684 पेश कर उसी दिन उनके केसर चौराहा, सांगानेर स्टोर से एक्टिव कराए गए थे। संदेह होने पर कंपनी के प्रतिनिधि ने केसर चौराहा स्टोर से संपर्क कर वीडियो कॉल के माध्यम से आरोपी की पहचान करवाई।

तब पता चला कि सिम कार्ड लेने के लिए प्रस्तुत आधार कार्ड पर अंकित फोटो आरोपी का है, जबकि जबकि उसका नाम, पता और आधार नंबर पहले से दिए गए आधार कार्ड से अलग थे। आरोपी ने फर्जी आधार कार्ड पर खुद की फोटो लगाकर साइबर ठगी के लिए मोबाइल सिम प्राप्त किए थे।

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