जयपुर-बांदीकुई एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है, लेकिन इसे आमजन के लिए अब तक औपचारिक रूप से खोला नहीं गया है। सोमवार को एक समाचार पत्र (राजस्थान पत्रिका नहीं) में सुबह 8 बजे से एक्सप्रेस-वे शुरू होने की खबर प्रकाशित हुई, जिससे भ्रम की स्थिति बन गई।
Jaipur-Bandikui Expressway: जयपुर-बांदीकुई एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है, लेकिन इसे आमजन के लिए अब तक औपचारिक रूप से खोला नहीं गया है। सोमवार को एक समाचार पत्र (राजस्थान पत्रिका नहीं) में सुबह 8 बजे से एक्सप्रेस-वे शुरू होने की खबर प्रकाशित हुई, जिससे भ्रम की स्थिति बन गई। खबर पढ़कर सैंकड़ों वाहन चालकों ने इस रास्ते का रुख किया, लेकिन मौके पर पहुंचने पर पता चला कि न तो चढ़ने के लिए रास्ता खुला है और न ही उतरने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था।
राजस्थान पत्रिका टीम ने मौके पर जाकर पड़ताल की तो देखा कि अधिकांश चढ़ाई और उतराई वाले क्लोवर लीफ अब भी बंद हैं। बांदीकुई से जयपुर आने वाले मार्ग पर क्लोवर लीफ पर ताला लगा हुआ था। कई जगहों पर मिट्टी के ढेर और बेरिकेड्स लगे हुए थे। जयपुर से एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने वाले प्वाइंट्स भी अवरुद्ध थे। सड़क किनारे लगाई गई इमरजेंसी सर्विस तक चालू नहीं है-एक भी बटन काम करता नहीं मिला।
66.91 किमी. लंबा, 1368 करोड़ रुपए की लागत से हो रहा तैयार। दौसा में 32.7 किमी और जयपुर में 34.1 किमी हिस्सा आता है। मार्ग में एक आरओबी, दो लाईओवर, दो बड़े पुल, 13 छोटे पुल और कई इंटरचेंज हैं। भेड़ोली, खुरीखुर्द, सुंदरपुरा, हीरावाला, मुकुंदपुरा, बगराना और कानोता में इंटरचेंज बनाए गए हैं। कोलवा स्टेशन के पास बना धनुषाकार आरओबी इसका विशेष आकर्षण है।
लोगों ने बताया कि ‘रास्ता खुल गया है’ यह खबर सुनकर वे निकले थे, लेकिन घंटों घूमने के बाद भी मुख्य सड़क पर उतरने का कोई रास्ता नहीं मिला। स्थानीय लोग एक्सप्रेस-वे शुरू होने की खबर सुनकर एक्सप्रेसवे पर वाहन दौड़ाने लगे लेकिन हाईवे से उतरने की व्यवस्था नहीं होने पर उन्हे उल्टी दिशा में लौटना पड़ा। सोमवार दोपहर तक रास्ता नहीं खुलने पर लोग एक्सप्रेसवे पर ही अटक गए।