बदलते दौर के साथ मध्यम आय वर्ग वाले परिवार पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन यानी अपने पैसे को एक जगह जमा करने की बजाय अलग-अलग शेयर, बॉन्ड और रियल एस्टेट में निवेश कर रहे हैं।
अरुण शर्मा/ जयपुर। बदलते दौर के साथ मध्यम आय वर्ग वाले परिवार पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन यानी अपने पैसे को एक जगह जमा करने की बजाय अलग-अलग शेयर, बॉन्ड और रियल एस्टेट में निवेश कर रहे हैं। वहीं नौकरीपेशा व व्यापारी अपनी आय को सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआइपी) और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (इटीएफ) में कंपाउंडिंग रिटर्न के लिए निवेश कर रहे हैं। वित्तीय सलाहकारों के अनुसार, प्रदेश में एसआइपी खातों की संख्या 44 लाख एवं निवेश का आंकड़ा लगभग 1150 करोड़ रुपए है। वहीं डिमेट खातों की संख्या 50 लाख से अधिक है।
वित्तीय सलाहकारों के अनुसार, लोग छोटी पूंजी से रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरइआइटी) से व्यवसायिक प्रॉपर्टी में निवेश कर रहे हैं। बिना संपत्ति खरीदे आरइआइटी और इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आइआइटी) के जरिये रियल एस्टेट में निवेश करना आसान है। मानसरोवर निवासी अमित मुदृगल का कहना है कि अपना पैसा मुसीबत में मसीहा होता है। नये तरीकों से निवेश करना आवश्यकता हो गई है। यूपीआई, ई -केवाइसी और ऐप्स से निवेश करना सुलभ हो गया है।
वित्तीय सलाहकारों का मानना है कि मध्यम आय वालों के लिए 50: 30: 20 का फार्मूला अच्छा है। अपनी आय का 50 फीसदी खर्च खानपान, मकान, बिजली-पानी, बच्चों की पढ़ाई, यात्रा पर, 30 फीसदी मनोरंजन, गैजेटस, बाइक-कार व इलाज पर खर्च करके 20 फीसदी पैसा लॉग टर्म निवेश करना चाहिए।
कुल एसआइपी खाते : 44 लाख
एसआइपी निवेश : 1150 करोड़ रुपए
कुल डिमेट खाते : 50 लाख
मध्यम वर्गीय निवेशक पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन की सोच के साथ अपने पैसे को कई जगह निवेश करते हैं। अब टर्म इंश्योरेंस, ऐप-बेस्ड निवेश, रियल एस्टेट में निवेश का चलन है। लोग लंबी अवधि में कंपाउंडिंग रिटर्न, बेहतर रिटायरमेंट प्लान, मार्केट ग्रोथ के हिसाब से निवेश कर रहे हैं।
रोहित कुमार, वित्तीय सलाहकार, जयपुर