जयपुर

बाजार में बिक रहे ​फलों पर जहर का साया! खुलेआम लोगों की सेहत से हो रहा खिलवाड़

राजस्थान राज्य की फल सब्जी मंडियों में कैमिकल से पकाए गए फल खुलेआम बिक रहे हैं। जयपुर की प्रमुख मुहाना फल सब्जी मंडी में कैमिकल्स से पकाए गए फलों को ग्राहकों को धड़ल्ले से बेचा जा रहा है।

3 min read
May 15, 2025
कैमिकल से पका रहे फल

Fruit Market: बाजार में ठेले से लेकर दुकानों और बड़े मॉल्स तक में बिक रहे चमकदार और रसीले दिखाई देने वाले फलों पर भरोसा करना आपको महंगा पड़ सकता है। दरअसल खेतों से कच्चे ही तोड़कर फलों को मंडियों तक पहुंचाकर खतरनाक कैमिकल के उपयोग से पकाया जा रहा है। ऐसे फलों का उपयोग आपकी सेहत खराब कर सकता है।
राजस्थान राज्य की फल सब्जी मंडियों में कैमिकल से पकाए गए फल खुलेआम बिक रहे हैं। जयपुर की प्रमुख मुहाना फल सब्जी मंडी में कैमिकल्स से पकाए गए फलों को ग्राहकों को धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। प्राकृतिक रूप से पकने से पहले ही कच्चे फलों को मंडी में पहुंचाकर उन्हे केल्शियम कार्बाइड केमिकल से कृत्रिम तरीके से पकाकर व्यापारी चांदी कूट रहे हैंं। जबकि केमिकल से पकाए फलों के दुष्प्रभाव से लोगों को कैंसर जैसी कई जानलेवा बीमारियां फलों के साथ मिल रही हैं।

कृषि सेवा केंद्रों में बिक रहे रसायन

फलों को पकाने से लेकर, सब्जियों के आकार बढ़ाने, आकर्षक रंग देने के कई तरह के रसायन विभिन्न नामों से कृषि सेवा केंद्रों, बीज भंडारों में आसानी से उपलब्ध हैं। व्यापारी कम समय में ज्यादा लाभ कमाने की गरज से ऐसे रसायनों को दुकान से खरीद कर खुलेआम उपयोग कर रहे हैं।

कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों की आशंका

कैल्शियम कार्बाइड कैमिकल से पके फलों का लंबे समय तक उपयोग कैंसर रोग का कारण बन सकता है। बाजार में प्राकृतिक रूप से पके फलों की मांग पूरी नहीं होने और कम समय में ज्यादा फायदा कमाने की गरज के चलते व्यापारी खतरनाक रसायनों का खुलेआम उपयोग करने से भी बाज नहीं आते। प्रशासन की ओर से भी सख्त कार्रवाई नहीं होने पर व्यापारी बेखौफ लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं।

फलों के ढेर में रखते कैल्शियम कार्बाइड

जयपुर की सबसे बड़ी मुहाना फल मंडी आम, पपीता, केले आदि फलों की टोकरियों में कैल्शियम कार्बाइड की छोटी छोटी पुड़िया में डालकर फलों को पकाया जा रहा है। व्यापारियों का कहना है कि कच्चा फल सस्ता पड़ता है जबकि कार्बाइड से जल्दी पकने के बाद बाजार में सप्लाई कर दिया जाता है। फलों को इस तरह से पकाना खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के अनुसार प्रतिबंधित है।

कार्बाइड को पुड़िया में रखकर फल के ढेर में रखा जाता है। इससे एसिटिलीन गैस बनती है, जो कि फल को पका देती है। 12 से 24 घंटे में ही हरे व कच्चे फल का छिलका पीला हो जाता है। जिससे फलों को पका हुआ बताकर ग्राहकों को बेच दिया जाता है।

कैल्शियम कार्बाइड का शरीर में असर

कैल्शियम कार्बाइड से पके फलों के लंबे समय तक उपयोग से शरीर में खूब प्यास लगना या गला सूखना, कमजोरी महसूस होना, खाने पीने की सामग्री निगलने में तकलीफ, आंखों में जलन, लिवर व अन्य अंगों पर दुष्प्रभाव जैसी समस्याएं होती हैं।

Published on:
15 May 2025 01:55 pm
Also Read
View All

अगली खबर