जन्माष्टमी की शोभायात्रा के कारण भले सरकारी कार्यालयों में मंगलवार को आधे दिन का अवकाश था, लेकिन ओपीएस बनाम यूपीएस ही कर्मचारी संगठनों से लेकर आम कर्मचारियों के बीच चर्चा का प्रमुख मुद्दा रहा।
Rajasthan News: तीन दिन के अवकाश के बाद मंगलवार को सचिवालय खुलते ही यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को लेकर हलचल शुरू हो गई। वित्त विभाग ने इससे संबंधित जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है।
राजस्थान पत्रिका ने मंगलवार को ‘सरकार ने नहीं खोले ओपीएस पर पत्ते…असमंजस में कर्मचारी’ समाचार प्रकाशित किया। जन्माष्टमी की शोभायात्रा के कारण भले सरकारी कार्यालयों में मंगलवार को आधे दिन का अवकाश था, लेकिन ओपीएस बनाम यूपीएस ही कर्मचारी संगठनों से लेकर आम कर्मचारियों के बीच चर्चा का प्रमुख मुद्दा रहा। केन्द्र सरकार के बाद महाराष्ट्र ही ऐसा राज्य है, जिसने यूपीएस अपनाने की अधिकृत घोषणा की। भाजपा शासित कुछ राज्य भी मंथन कर रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी ने इसको लेकर अधिकृत घोषणा नहीं की।
उधर, पूर्व मुयमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर राज्य सरकार से ओपीएस पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की। पोस्ट में कहा कि हमारी सरकार ने 2022 में ओपीएस लागू की। अब केन्द्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू कर दी, जिससे कर्मचारियों में असमंजस है। कर्मचारी जानना चाहते हैं कि सरकार ओपीएस जारी रखेगी या यूपीएस लागू करेगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार को यह भी बताना चाहिए कि एनपीएस में अंशदान के रूप में केन्द्रीय एजेंसी पीएफआरडीए के पास राज्य के 40,000 करोड़ रुपए जमा हैं। क्या कथित डबल इंजन सरकार का लाभ कर्मचारियों को नहीं मिलेगा? कर्मचारियों की जमापूंजी वापस लाने के लिए भाजपा सरकार ने अभी तक क्या किया और यह राशि कब तक आएगी?