राजस्थान सरकार का वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान 5 जून से शुरू हो रहा है। सरकार ने अभियान की मॉनिटरिंग और सफलता को लेकर 4 और 5 जून को प्रभारी सचिवों को जिलों के दौरे पर रहने के निर्देश दिए हैं।
राजस्थान सरकार का वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान 5 जून से शुरू हो रहा है। सरकार ने अभियान की मॉनिटरिंग और सफलता को लेकर 4 और 5 जून को प्रभारी सचिवों को जिलों के दौरे पर रहने के निर्देश दिए हैं। ‘राजस्थान पत्रिका’ की पहल पर चलाए जा रहे ‘जल स्रोतों के संरक्षण और पुनरूद्धार’ अभियान से प्रेरित होकर सरकार ने अब इसका नाम ‘वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान’ कर दिया है।
‘वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान’ 5 से शुरू होकर 20 जून तक प्रदेशभर में चलेगा। इसमें स्वयंसेवी संस्थाओं और आमजन के साथ ही सरकारी कार्मिक भी भागीदार बनेंगे। राज्य सरकार ने अभियान में आमजन को भी साथ जोड़ते हुए कार्य योजना तैयार की है। सरकार ने जल स्रोतों के संरक्षण और पुनरूद्धार कार्य में श्रमदान करने की अपील की है।
प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि गंगा दशहरा एवं विश्व पर्यावरण दिवस पर 4 व 5 जून को समस्त जिला प्रभारी सचिव अपने प्रभार वाले जिलों में उपस्थित रह कर ‘वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान’ के तहत 5 से 20 जून तक चलने वाले अभियान को सफल बनाने के लिए निगरानी रखेंगे। बाद में सभी प्रभारी सचिव दौरे की रिपोर्ट संपर्क पोर्टल के ट्यूर मॉड्यूल पर अपलोड करेंगे।
अभियान को सफल बनाने और उसमें आमजन को जोड़ने के लिए अफसर जुटे हुए हैं। शहरी और ग्रामीण इलाकों में अभियान का जोर शोर से प्रचार प्रसार किया जा रहा है। संबंधित क्षेत्र में चिन्हित जल स्त्रोतों का संरक्षण और पुनरूद्धार अभियान के तहत किया जाएगा। राजस्थान पत्रिका के अमृतम् जलम् अभियान से प्रेरित होकर सरकार ने प्रदेश में सभी जल स्त्रोतों के संरक्षण और उनके पुनरूद्धार करने की कार्य योजना बनाई है।