Heavy Rain: राजस्थान में पश्चिमी विक्षोभ आज चरम पर है। राजधानी जयपुर में दोपहर में अंधेरा छा गया। बादलों की जोरदार गर्जना के साथ प्रदेश के कई जिलों में रुक-रुककर बारिश का दौर जारी है। वहीं आज मौसम विभाग ने कई जिलों में ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया है।
जयपुर। राजस्थान में मानसून की विदाई के बाद भी बारिश का सिलसिला थम नहीं रहा। सोमवार को जयपुर, सीकर, कोटा, बीकानेर, अजमेर, भरतपुर और हनुमानगढ़ समेत कई जिलों में रुक-रुककर तेज बारिश हुई। जयपुर में सुबह से ही बादलों ने डेरा डाल रखा था, दोपहर तक बिजली की चमक और गरज के साथ तेज बारिश शुरू हो गई। करीब चार घंटे तक रुक-रुककर हुई बरसात से शहर के पुराने और पॉश इलाकों- जवाहर नगर व तिलक नगर में जलजमाव हो गया। तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई।
सीकर जिले के श्रीमाधोपुर में तेज बारिश से पंचाली अंडरपास में पांच से छह फीट तक पानी भर गया। इसी दौरान गुजर रही एक स्कॉर्पियो कार उसमें डूब गई। गनीमत रही कि ड्राइवर समय रहते बाहर निकल गया। अंडरपास के आसपास की दुकानों और गलियों में भी पानी भर गया।
बीकानेर जिले के लूनकरणसर में झमाझम बारिश के बाद कई जगहों पर पानी जमा हो गया, जबकि कोटा और भरतपुर में भी दोपहर बाद आंधी और तेज बारिश हुई। भरतपुर में दोपहर दो बजे मौसम अचानक बदला और 10 मिनट की बूंदाबांदी के बाद मूसलाधार बारिश शुरू हो गई।
अजमेर और श्रीगंगानगर में भी सुबह से रिमझिम बारिश का दौर जारी रहा। अजमेर के केकड़ी में सुबह 10 मिनट की बरसात से सड़कें और खेत तर हो गए। श्रीगंगानगर में रात से ही लगातार बूंदाबांदी होती रही, जिससे तापमान में गिरावट आई। श्रीगंगानगर में कई जगहों पर रविवार को भी जमकर बारिश हुई। हनुमानगढ़ जिले में भी जमकर बारिश हुई है। ओलावृष्टि से ज्वार की फसलों को बड़ा नुकसान हुआ है।
उदयपुर के ऋषभदेव क्षेत्र में रविवार रात जमकर बारिश हुई। नेशनल हाईवे पर कई जगहों पर पानी भर गया, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। इसके अलावा सोमवार को भी कहीं-कहीं पर बारिश का दौर जारी रहा।
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम के असर से यह बारिश हो रही है। अगले दो दिनों तक प्रदेश के 9 जिलों में तेज बारिश के साथ ओले गिरने की संभावना है। बारिश से जहां तापमान में गिरावट आई है, वहीं किसानों को फसलों को नुकसान की चिंता भी सता रही है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि बारिश से कपास की फसल को भी भारी नुकसान होने की संभावना है।