Patrika Women Safety Abhiyan: यात्रियों से ठसाठस भरी बसों में महिलाएं व बच्चियां सुरक्षित नहीं रह सकती। कई मनचले तो बस स्टैंडों पर इसी ताक में खड़े रहते हैं।
Patrika Women Safety Abhiyan: जयपुर। यात्रियों से ठसाठस भरी बसों में महिलाएं व बच्चियां सुरक्षित नहीं रह सकती। कई मनचले तो इसी ताक में रहते हैं कि भीड़ में कब महिला या बच्ची बस में चढ़े और उनके पीछे-पीछे बस में वे भी सवार हो जाते हैं। कई मनचले तो बस स्टैंडों पर इसी ताक में खड़े रहते हैं। लेकिन 95 फीसदी महिलाएं व बच्चियां इन मनचलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पाती है।
डरी-सहमी क्रूरता सहन करने को मजबूर होती हैं। आज भी मनचलों की करतूत के बावजूद खुद की बदनामी के डर के कारण अधिकांश महिलाएं व बच्चियां शिकायत करने आगे नहीं आती हैं। जब कभी भी इसकी शिकायत की तो पुलिस ने उनको गिरफ्तार किया। हिम्मत दिखाने वाली महिलाओं के कुछ ही मामले हैं।
आमेर पुलिस ने लो फ्लोर सवार संजय नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया। आरोपी आए दिन बस में सवार कॉलेज छात्रा से छेड़छाड़ करता था। कॉलेज छात्रा ने आपबीती परिजन को बताई, तब परिजन की रिपोर्ट पर पुलिस ने यह कार्रवाई की।
जयपुर से श्रीमाधोपुर जा रही रोडवेज बस में एक मनचले ने बुरी नीयत से महिला यात्री को टच किया। महिला ने हिम्मत दिखाई और चौमूं थाने के सामने बस को रुकवा लिया। शिकायत पर सत्यनारायण नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया।
बताया जाता है कि शहर में 9ए महिला बस अग्रवाल फार्म से रामबाग तक चलाई जाती थी। इसके अलावा रामबाग से दादी का फाटक तक महिला स्पेशल बस सचिवालय होते हुए चलती थी। कोरोना काल में यह बसें भी बंद कर दी गई। इसके बाद प्रशासन महिलाओं की सुरक्षा में चल रही इन बसों को चलाना भूल गया। प्रशासन को यात्री भार वाले मार्ग में महिला विशेष बस सेवा चालू करनी चाहिए।
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