Yamuna Water Project: यमुना जल लाने की चिर प्रतिक्षित परियोजना ने शुरुआती पड़ाव पार कर लिया है। 300 किलोमीटर लंबाई में पाइपलाइन बिछाने के लिए अलाइनमेंट सर्वे का जमीनी काम पूरा हो गया है।
जयपुर। यमुना जल लाने की चिर प्रतिक्षित परियोजना ने शुरुआती पड़ाव पार कर लिया है। 300 किलोमीटर लंबाई में पाइपलाइन बिछाने के लिए अलाइनमेंट सर्वे का जमीनी काम पूरा हो गया है। इसमें 290 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में और 10 किलोमीटर हिस्सा राजस्थान में होगा। हरियाणा बॉर्डर से करीब दस किलोमीटर भीतर चूरू के हासियावास में जलाशय बनाया जाएगा। यहां हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज (ताजेवाले हैड) से तीन अलग-अलग पाइपलाइन से पानी पहुंचेगा।
राजस्थान सरकार ने हरियाणा सरकार को अलाइनमेंट फाइनल करने के लिए जल्द से जल्द मीटिंग करने के लिए कहा है। दोनों राज्यों के बीच तकनीकी स्तर पर चर्चा के बाद डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) को अंतिम रूप दिया जाएगा। परियोजना शुरू होते ही अगले 3-4 वर्षों में इसका असर जमीन पर दिखने लगेगा।
जलाशय से चूरू, सीकर और झुंझुनूं जिलों के लिए मुख्य वितरण नेटवर्क तैयार होगा। इस परियोजना के तहत लाखों लोगों को पेयजल के साथ-साथ सिंचाई के लिए भी पर्याप्त पानी मिलेगा। इन जिलों में फिलहाल भू-जल का स्तर लगातार गिर रहा है और खारे पानी की समस्या बढ़ती जा रही है। चूरू के अलावा झुंझुनूं जिले की बुहाना तहसील में भी अतिरिक्त जलाशय बनाने पर मंथन चल रहा है।
-हरियाणा के यमुना नदी बेसिन से राजस्थान के हिस्से का निर्धारित पानी लिया जाएगा।
-चूरू, सीकर और झुंझुनूं के ग्रामीण इलाकों में पेयजल संकट और सूखे से निपटने के लिए यह योजना गेमचेंजर साबित हो सकती है।
-पाइपलाइन नेटवर्क में अत्याधुनिक पंपिंग स्टेशन और डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम लगाए जाएंगे, जिससे पानी का लॉस न्यूनतम रहे।
-डीपीआर फाइनल होने के बाद केंद्र से वित्तीय सहयोग लेने की संभावना भी जताई जा रही है।