कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया पर गुरुवार को रामदेवरा में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। अलसुबह साढ़े तीन बजे बाबा रामदेव समाधि स्थल के पट खुलते ही श्रद्धालुओं की भीड़ दर्शन को उमड़ पड़ी।
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया पर गुरुवार को रामदेवरा में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। अलसुबह साढ़े तीन बजे बाबा रामदेव समाधि स्थल के पट खुलते ही श्रद्धालुओं की भीड़ दर्शन को उमड़ पड़ी। पंचामृत से अभिषेक के बाद मंगला आरती की गई, जिसके साथ ही पूरा समाधि परिसर जयकारों से गूंज उठा। जैसे-जैसे सूरज चढ़ता गया, वैसे-वैसे श्रद्धालुओं की कतारें बढ़ती गईं।मुख्य मंदिर रोड से लेकर समाधि प्रवेश द्वार तक हजारों श्रद्धालु कतारों में खड़े रहे। दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ बनी रही और दर्शन के लिए तीन से पांच घंटे का इंतजार करना पड़ा। भक्तों ने समाधि के दर्शन कर प्रसाद चढ़ाया और अमन, चैन व खुशहाली की कामना की। देर शाम तक करीब एक किलोमीटर लंबी कतारें बनी रहीं। भीड़ प्रबंधन को लेकर प्रशासन को दिनभर मशक्कत करनी पड़ी।
भक्तों के उत्साह और श्रद्धा ने रुणिचा नगरी का वातावरण भक्तिमय बना दिया। बाबा रामदेव के जयकारों से मंदिर परिसर और आसपास का इलाका गुंजायमान रहा। समाधि पर सुबह आठ बजे भोग आरती के साथ स्वर्ण मुकुट स्थापित किया गया। वीआइपी और वीवीआइपी दर्शनार्थी भी वीआइपी रोड पर बने विशेष मार्ग से दर्शन को पहुंचे। हर ओर भक्ति, अनुशासन और विश्वास का अनूठा संगम नजर आया। भीड़ के दबाव को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अमला पूरी तरह सक्रिय रहा। श्रद्धालुओं को कतारों में रखते हुए दर्शन के लिए भेजा गया ताकि अव्यवस्था न हो।