रामदेवरा रेलवे स्टेशन के बाहर बनी डामर सडक़ पांच दशक बाद अब चौड़ी नजर आएगी। दुकानदारों की ओर से खुद ही अपना अतिक्रमण हटाकर अपनी दुकानों को डामर सडक़ से करीब 15 फीट पीछे ले लिया है।
रामदेवरा रेलवे स्टेशन के बाहर बनी डामर सडक़ पांच दशक बाद अब चौड़ी नजर आएगी। दुकानदारों की ओर से खुद ही अपना अतिक्रमण हटाकर अपनी दुकानों को डामर सडक़ से करीब 15 फीट पीछे ले लिया है। उधर, ग्राम पंचायत ने अब दुकानों को पीछे करने पर सडक़ के किनारे नाली निर्माण का कार्य और इंटरलॉकिंग सडक़ बनाने का कार्य भी शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि रामदेवरा के रेलवे स्टेशन बाहर सडक़ के संकरी होने पर न सिर्फ ग्रामीणों को बल्कि यात्रियों और वाहन चालकों को भी आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इस संबंध में ग्राम पंचायत की ओर से रेलवे स्टेशन के बाहर सडक़ के किनारे वर्षों से लगी दुकानों के दुकानदारो से अपील की गई कि अपनी दुकानों को पीछे लें। स्टेशन के बाहर डामर सडक़ के किनारे दुकान चलाने वाले करीब एक दर्जन दुकानदारों ने ऐसा ही किया और अब सडक़ करीब 30 फीट चौड़ी नजर आ रही है। खाली हुई जगह पर ग्राम पंचायत द्वारा इंटरलॉकिंग सडक़ बनाने के साथ ही नाली का निर्माण करवाया जाएगा, जिससे कि गंदे पानी का सडक़ पर फैलाव नहीं हो। रामदेवरा सरपंच समंदर सिंह तंवर ने शनिवार को रेलवे स्टेशन के बाहर डामर सडक़ से दुकानों को पीछे लेने के बारे में जानकारी लेते हुए दुकानदारों से कहा कि वे दुकानों को एक सीध में रखें।
रेलवे स्टेशन के बाहर डामर सडक़ किनारे दुकानें लगाकर व्यापार करने वाले करीब एक दर्जन व्यापारियों ने 1990 में ग्राम पंचायत में दुकानों की जमीन के पट्टे मिलने की आस में आवेदन किए थे। सभी कागजी कार्यवाही के बाद भी दुकानों के पट्टे आज दिन तक ग्राम पंचायत से जारी नहीं हुए हैं।
रेलवे स्टेशन के बाहर दुकानदारों ने ग्राम पंचायत की अपील पर अपनी इच्छा से दुकानों को पीछे लिया है। जो जगह खाली हुई है। उस पर इंटरलॉकिंग सडक़ बनाने के साथ नाली का निर्माण ग्राम पंचायत की ओर से जल्दी किया जाएगा। ऐसे में यात्रियों और ग्रामीण और वाहनचालकों को राहत मिल सकेगी।