हनुमान चौराहा से लेकर गड़ीसर चौराहा तक मुख्य मार्गों पर विचरण करते पशु न केवल ट्रैफिक बाधित कर रहे हैं, बल्कि स्थानीय लोगों और सैलानियों के लिए भी परेशानी का कारण बने हुए हैं।
स्वर्णनगरी की सडक़ों पर पशुओं का कब्जा लगातार बढ़ता जा रहा है। हनुमान चौराहा से लेकर गड़ीसर चौराहा तक मुख्य मार्गों पर विचरण करते पशु न केवल ट्रैफिक बाधित कर रहे हैं, बल्कि स्थानीय लोगों और सैलानियों के लिए भी परेशानी का कारण बने हुए हैं। खासतौर पर गड़ीसर तालाब और उसके आसपास सुबह व शाम के समय पशुओं का जमघट रहने से सैलानियों को वाहन चलाने और पैदल गुजरने में कठिनाई झेलनी पड़ रही है। गड़ीसर चौराहा, गांधी चौक, मलका प्रोल और शिव मार्ग जैसे व्यस्त क्षेत्रों में पशुओं का झुण्ड सडक़ पर बैठ जाता है, जिससे यातायात बाधित होता है। दुपहिया और तिपहिया वाहन चालकों को रोजाना इनसे बचते हुए निकलना पड़ता है। कई बार अचानक दौड़ते पशु वाहन चालकों के लिए हादसे का कारण बन जाते हैं।
स्वर्णनगरी घूमने पहुंचे देसी-विदेशी पर्यटकों को इन आवारा पशुओं के कारण असुविधा झेलनी पड़ रही है। कई बार पर्यटकों के बीच पशुओं के झुण्ड आ जाने से भ्रमण में बाधा उत्पन्न होती है। गाइड गजेन्द्रसिंह सोलंकी के अनुसार गड़ीसर तालाब और गांधी चौक जैसे प्रमुख स्थलों पर पशुओं की भीड़ से हादसों का डर बना रहता है, जिससे शहर की पर्यटन छवि प्रभावित हो रही है।
स्वच्छ और सुव्यवस्थित शहर की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के बीच मुख्य मार्गों पर बैठे पशु स्वर्णनगरी की सुंदरता को धूमिल कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि शहर के पर्यटन स्थलों और मुख्य मार्गों से आवारा पशुओं को नियमित रूप से हटाने की व्यवस्था की जाए, ताकि शहर की छवि पर्यटकों के सामने सकारात्मक बनी रहे।