जैसलमेर

हर ओर बने बस अड्डे….जैसलमेर आज भी प्रतीक्षा में

1974 में जैसलमेर के गड़ीसर के घुमाव पर 5.62 एकड़ भूमि बस स्टैण्ड और आगार के लिए आवंटित की गई थी। वर्ष 2013 में यहां रोडवेज का आगार तो बना, पर बस स्टैण्ड का सपना अधूरा ही रह गया। अब लगभग 4 बीघा भूमि शेष है, जिस पर स्टैण्ड बन सकता है, लेकिन फाइलें आज भी बजट की बाट जोह रही हैं।

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Jul 08, 2025

राजस्थान के अधिकांश ज़िलों और तहसीलों में रोडवेज़ बस स्टैण्ड बन चुके हैं। कहीं विधायकों की पहल से, कहीं सीएसआर फंड के जरिए कई जगहों पर यात्री अब छायादार प्रतीक्षालय, स्वच्छ शौचालय और सुव्यवस्थित टिकट व्यवस्था जैसी सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं। बावजूद इसके जैसलमेर जैसे पर्यटन और सामरिक महत्व वाले ज़िले में रोडवेज का बस स्टैण्ड मौजूद नहीं है।

हकीकत: बाड़मेर में आधुनिक बस स्टैण्ड
-झुंझुनूं, बाड़मेर, खींवसर और जोधपुर जैसे शहरों में जनप्रतिनिधियों के प्रयासों से वर्षों पहले बस स्टैण्ड बन चुके हैं।
-हाल ही में पोकरण में भी वर्ष 2024-25 के बजट में राशि स्वीकृत हुई।

-जैसलमेर में जहां हर दिन 30 से अधिक रोडवेज़ बसें संचालित हो रही हैं, वहां अब भी यात्री सड़क किनारे धूप-बारिश में बस का इंतज़ार करते हैं।

1974 से 2024 तक — 50 साल का इंतजार
1974 में जैसलमेर के गड़ीसर के घुमाव पर 5.62 एकड़ भूमि बस स्टैण्ड और आगार के लिए आवंटित की गई थी। वर्ष 2013 में यहां रोडवेज का आगार तो बना, पर बस स्टैण्ड का सपना अधूरा ही रह गया। अब लगभग 4 बीघा भूमि शेष है, जिस पर स्टैण्ड बन सकता है, लेकिन फाइलें आज भी बजट की बाट जोह रही हैं।

सवाल: ...तो जैसलमेर क्यों नहीं ?
राज्य के कई शहरों में निजी कंपनियों और भामाशाहों ने सीएसआर फंड से बस स्टैण्ड बनवाए हैं। ऐसे मॉडल जैसलमेर में भी दोहराए जा सकते हैं। यहां प्रशासनिक इच्छाशक्ति और स्थानीय राजनीतिक पहल दोनों ही कमजोर रही है।

यहां बन सकता है अत्याधुनिक बस स्टैण्ड
जैसलमेर से हर दिन 30 से ज्यादा बसें चलती हैं। गड़ीसर के पास ज़मीन उपलब्ध है। यदि बजट मिले या सीएसआर जैसी कोई पहल हो, तो अत्याधुनिक बस स्टैण्ड जल्द बन सकता है। रोडवेज़ मुख्यालय भी जिला प्रशासन को पत्र भेज चुका है। उम्मीद है जल्द ही सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।
-दीपक कुमार, मुख्य प्रबंधक, रोडवेज़ आगार जैसलमेर

Published on:
08 Jul 2025 01:47 pm
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