दिवाली व उसके अगले दिन मंगलवार को आतिशबाजी में की गई लापरवाही का खामियाजा जगह-जगह आग लगने की घटनाओं के तौर पर सामने आया।
दिवाली व उसके अगले दिन मंगलवार को आतिशबाजी में की गई लापरवाही का खामियाजा जगह-जगह आग लगने की घटनाओं के तौर पर सामने आया। दो दिन में छिटपुट व बड़ी, दोनों तरह की आग लगने की 45 घटनाएं हुई, जिन पर काबू पाने के लिए नगरपरिषद के अग्निशमन दल की दमकल को पहुंचना पड़ा। इस दौरान दिवाली की रात दुर्ग क्षेत्र में सडक़ पर खड़े दो चार पहिया वाहन को भी नुकसान पहुंचा है।
दिवाली की रात को आतिशबाजी शुरू होने के साथ ही अलग-अलग क्षेत्रों में आग लगने की सूचना अग्निशमन कार्यालय पहुंचने लगी। फायर सहायक अग्निशमन अधिकारी केपी सिंह और फायर सहप्रभारी राजाराम विश्नोई के निर्देशन में फायर स्टाफ ने सोनार दुर्ग से लगते क्षेत्रों के साथ गफूर भ_ा, वाल्मीकि कॉलोनी, भील बस्ती, एयरफोर्स रोड पर वर्कशॉप के पास आदि जगहों पर आग लगने की घटनाओं पर काबू पाया। सबसे ज्यादा घटनाएं सोनार किला के आसपास घटित हुई। विभागीय सूत्रों ने बताया कि दिवाली की रात से तडक़े 4 बजे तक आग लगने की घटनाएं घटित हुई।
ऐसे ही मंगलवार दिन में शहर स्थित कृषि मंडी परिसर में कचरे में आग लग गई, जो जल्दी ही पास रखे प्लास्टिक के कैरट तक फैल गई। इस हादसे में करीब 50 से अधिक प्लास्टिक कैरेट जलकर राख हो गए। जानकारी के अनुसार आग पहले कचरे में लगी थी, लेकिन हवा की वजह से यह फैली और व्यापारियों के प्लास्टिक के कैरेट तक फैल गई। जानकारी मिलने पर मौके पर पुलिस और तीन दमकल पहुंची और आग पर काबू पाया। आग बुझाने के दौरान उठता धुआं कई किलोमीटर तक नजर आया, जिससे आसपास के लोगों में आग बढऩे की आशंका और दहशत फैल गई।