जैसलमेर

दुर्ग की घाटियों में लोक कलाकारों के कारण जुट रही भीड़, मूकदर्शक बने टेफ के कार्मिक

ये कलाकार बैरिसाल बुर्ज, सूरज प्रोल के भीतर दोनों तरफ बने ओटों पर बैठ कर वाद्य यंत्रों के साथ लोकगीतों का गायन करते हैं। ऐसे में उन्हें देखने और सुनने के साथ वीडियो बनाने के लिए पर्यटकों के झुंड वहां खड़े हो जाते हैं।

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Nov 13, 2025

जैसलमेर के ऐतिहासिक सोनार दुर्ग के बाहर और भीतर कई तरह की अव्यवस्थाओं को प्रशासन और पुलिस ने साझा तौर पर कार्रवाई करते हुए काफी हद तक पर्यटकों की आवाजाही को सुगम बनाया है लेकिन इस बीच दुर्ग की रपटीली घाटियों में पर्यटकों व स्थानीय बाशिंदों की आवाजाही के बीच लोक कलाकारों के बैठ कर प्रस्तुतियां दिए जाने से हादसे की आशंकाओं ने सिर उठा लिया है।

ये कलाकार बैरिसाल बुर्ज, सूरज प्रोल के भीतर दोनों तरफ बने ओटों पर बैठ कर वाद्य यंत्रों के साथ लोकगीतों का गायन करते हैं। ऐसे में उन्हें देखने और सुनने के साथ वीडियो बनाने के लिए पर्यटकों के झुंड वहां खड़े हो जाते हैं। जिससे इस मार्ग पर आवाजाही में संकट उत्पन्न होता है और कभी भी कोई दुपहिया वाहन चालक उनसे टकरा सकता है। गुरुवार को दिन में कई दुपहिया घाटी में खड़े पर्यटकों से टकराते हुए बचे। गौरतलब है कि जहां ये कलाकार भीड़ जमा करने का कारण बन रहे हैं, उससे चंद कदम की दूरी पर पर्यटक सहायता बल (टेफ) के कार्मिक खड़े या बैठे रहते हैं।

वे न तो पर्यटकों को समझाइश करते हैं कि वे चलते मार्ग पर भीड़ न करें और न ही कलाकारों को पाबंद करते हैं। जबकि यह बल पर्यटकों को जानकारी, सहायता और सुरक्षा प्रदान करने के लिए तैनात किया गया है। पिछले दिनों अपार भीड़ के समय टेफ के कार्मिक अवश्य आवाजाही को सुचारू बनाने के लिए मशक्कत करते नजर आते थे लेकिन वर्तमान में वे अधिकांशत: निष्क्रिय दिखते हैं।

Published on:
13 Nov 2025 09:05 pm
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