इसके पश्चात डीसा से आए विधिकारक सुनीलभाई एंड पार्टी द्वारा विधिवत अठारह अभिषेक का विधान करवाया गया।
सोनार दुर्ग स्थित जिनालयों में जैन ट्रस्ट जैसलमेर के तत्वावधान में अठारह अभिषेक का आयोजन हुआ। साध्वी प्रशमिता महाराज, साध्वी अर्हमनिधि महाराज, साध्वी परमप्रिया महाराज और साध्वी अर्पणनिधि महाराज के सानिध्य में मूलनायक चिंतामणि पार्श्वनाथ सहित सभी जिनालयों की प्रतिमाओं का अभिषेक किया गया। प्रवक्ता पवन कोठारी ने बताया कि इस वर्ष के अभिषेक और ध्वजा का लाभ हैदराबाद निवासी पिस्ताबाई, महावीर कुमार, इंद्रादेवी, आनंद कुमार, कविता देवी, प्रमोद कुमार, भारतीदेवी, स्नेहिक, महक, संकेत, विधान, चार्वी और विधि भलगट परिवार ने लिया। प्रातः शुभ मुहूर्त में सकल जैन संघ की उपस्थिति में स्नात्र पूजा संपन्न हुई।
इसके पश्चात डीसा से आए विधिकारक सुनीलभाई एंड पार्टी द्वारा विधिवत अठारह अभिषेक का विधान करवाया गया। साध्वी भगवंत ने प्रवचन में कहा कि जिनालयों की किसी भी प्रकार की अशुद्धि या असातना को दूर करने के लिए अठारह अभिषेक का विधान किया जाता है। इसमें विभिन्न औषधियों और उत्कृष्ट रत्नों के चूर्ण का उपयोग होता है। अभिषेक के मिश्रित जल का छिड़काव करने से वातावरण की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। साध्वी ने बताया कि दुर्ग स्थित सभी जिनालयों के शिखरों पर ज्ञान पंचमी के अवसर पर विजय मुहूर्त में नई ध्वजाएं आरोहित की जाएंगी।संघ अध्यक्ष महेन्द्र भाई बाफना ने कार्यक्रम का संचालन किया।
अभिषेक उपरांत प्रतिमाओं का शुद्धिकरण, आरती, मंगल दीपक और शांति कलश का विधान किया गया। चंद्र एवं सूर्य दर्शन का लाभ भी लाभार्थी परिवार ने लिया। इस अवसर पर संगीतकार गोविंद एंड पार्टी घाणेराव ने संगीतमय भजनों की प्रस्तुति देकर भक्ति का वातावरण निर्मित किया। कार्यक्रम में जैन ट्रस्ट जैसलमेर और सकल जैन संघ के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।