रामदेवरा क्षेत्र के छायण गांव में गुरुवार की रात खेत की तारबंदी में प्रवाहित विद्युत करंट की चपेट में आ जाने से एक किसान की मौत हो जाने पर पुलिस में मामला दर्ज किया गया है।
रामदेवरा थानाक्षेत्र के छायण गांव में गुरुवार की रात खेत की तारबंदी में प्रवाहित विद्युत करंट की चपेट में आ जाने से एक किसान की मौत हो गई। जिसके बाद विभिन्न मांगों को लेकर परिजनों व ग्रामीणों की ओर से धरना शुरू किया गया है। बाड़मेर जिले की शिव तहसील के काशमीर निवासी दीपाराम पुत्र कानाराम भील ने रामदेवरा थाने में रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसका भतीजा ओमाराम (33) पुत्र चनणाराम भील छायण प्रथम में स्थित एक नलकूप पर काश्तकार के रूप में मजदूरी करता है। वह गुरुवार को लक्ष्मणसिंह के नलकूप पर मजदूरी करने के लिए गया था। बीच रास्ते में नेवरा ओसियां निवासी नवलाराम का खेत है। जिसके खेत की तारबंदी की हुई है। वह सुबह लक्ष्मणसिंह के खेत पर मजदूरी करने गया, उस समय तार में करंट नहीं था, लेकिन रात करीब पौने नौ बजे वापिस आया तो नवलाराम के खेत की तारबंदी से निकलते समय विद्युत लाइन में करंट प्रवाहित होने के कारण वह तारों की चपेट में आ गया और अचेत होकर गिर गया। उसे तत्काल पोकरण के राजकीय अस्पताल लाया गया। यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
हादसे की सूचना पर शुक्रवार को सुबह परिजनों के साथ ही बड़ी संख्या में ग्रामीण पोकरण अस्पताल की मोर्चरी के आगे पहुंचे। दोपहर बाद उनकी ओर से धरना शुरू किया गया। उन्होंने नलकूप की तारबंदी पर 11 केवी की लाइन से सीधे करंट प्रवाहित करने पर नलकूप मालिक व काश्तकार के विरुद्ध कार्रवाई करने, लापरवाह डिस्कॉम अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने, मुख्यमंत्री सहायता कोष से मुआवजा दिलाने, मृतक के एक परिवारजन को संविदा पर नौकरी दिलाने की मांग की जा रही है। सूचना पर उपखंड अधिकारी प्रभजोतसिंह गिल व पुलिस वृताधिकारी भवानीसिंह राठौड़ भी धरनास्थल पर पहुंचे। इस दौरान अधिकारियों ने समझाइश की, लेकिन सहमति नहीं बन पाई। जिसके चलते शुक्रवार की रात तक भी धरना जारी रहा। उन्होंने बताया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती है, तब तक धरना जारी रहेगा।