जैसलमेर

हादसे की आशंका: बस्ती से निकल रही 132 केवी की हाइटेंशन तारें

वर्षों पूर्व कस्बे के आबादी क्षेत्र से बाहर निकाली गई हाइपॉवर विद्युत लाइनें वर्तमान में आबादी के बीचोंबीच आ गई है।

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Nov 23, 2024

वर्षों पूर्व कस्बे के आबादी क्षेत्र से बाहर निकाली गई हाइपॉवर विद्युत लाइनें वर्तमान में आबादी के बीचोंबीच आ गई है। कस्बे के चारों ओर से गुजर रही हाइपॉवर लाइनों के नीचे ही कई बस्तियां आबाद हो गई है। ऐसे में बस्ती के निवासियों पर हर समय खतरा मंडरा रहा है। यहां ग्रिड सब स्टेशन से 11 केवी हो या 33 केवी की लाइनें सभी कस्बे के बाहर से खींची गई है। बाहरी इलाकों से ही हाइटेंशन लाइनें जाती है। जब ये विद्युत लाइनें लगाई गई थी, उस समय यहां एक प्रकार से सूनसान जंगल हुआ करता था, लेकिन बीते दो दशकों में कस्बे के बाहरी इलाकों में कई बस्तियां बस गई, यह सिलसिला बदस्तूर आज भी जारी है।

पूर्व में हो चुके हादसे

पोकरण स्थित 132 केवी जीएसएस से काली मगरी गांव जाने वाली विद्युत लाइनों के ढीले तारों की चपेट में आने से बीते डेढ़ दशक में दो पशु व दो इंसानों की जानें जा चुकी है। कुछ जगहों पर तो कई लोग घायल होकर जिंदगीभर के लिए दिव्यांगता से भी पीडि़त हो गए है।कस्बे के शिवपुरा व खींवज मंदिर के आसपास करीब एक दशक पूर्व कई लोग करंट की चपेट में आ गए थे।

घरों से छू कर निकल रहा है खतरा

कस्बे के शिवपुरा व माधोपुरा कच्ची बस्ती में हालात बहुत विकट है। यहां घरों के ठीक ऊपर से हाइटेंशन विद्युत तारें निकल रही है। साथ ही कुछ जगहों पर तो नीचे भी झूल रही है। जिसके कारण यहां हर समय बड़े हादसे का भय बना रहता है। बावजूद इसके जिम्मेदारों की ओर से तारों को अन्यत्र शिफ्ट करने को लेकर कोई कवायद देखने को नहीं मिल रही है।

Published on:
23 Nov 2024 09:43 pm
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