भारतीय सेनाओं के तीनों अंगों थलसेना, वायुसेना और नौसेना की ओर से गत 31 अक्टूबर से शुरू किए गए अब तक का सबसे बड़ा संयुक्त युद्धाभ्यास ‘त्रिशूल’ अंतिम दौर में पहुंच गया है।
भारतीय सेनाओं के तीनों अंगों थलसेना, वायुसेना और नौसेना की ओर से गत 31 अक्टूबर से शुरू किए गए अब तक का सबसे बड़ा संयुक्त युद्धाभ्यास ‘त्रिशूल’ अंतिम दौर में पहुंच गया है। इसके अंतर्गत मंगलवार को जैसलमेर जिले के पाकिस्तान सीमा से सटे क्षेत्र में मरु ज्वाला नाम से युद्धाभ्यास किया जाएगा। इसके अगले दिन यानी बुधवार को जैसलमेर जिले में ही अखंड प्रहार नाम से युद्धाभ्यास किया जाएगा। इसके साथ ही संयुक्त युद्धाभ्यास का समापन होगा। दो दिन चलने वाले अंतिम दौर के इस युद्धाभ्यास का निरीक्षण सेना के दक्षिणी कमान के उच्च अधिकारी करेंगे।
मंगलवार को आयोजित होने वाले मरु ज्वाला अभ्यास के दौरान सेना की तरफ से दुर्गम रेगिस्तानी क्षेत्र में अपनी युद्धक क्षमता का जोरदार ढंग से प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें काल्पनिक दुश्मनों के ठिकानों को नेस्तनाबूद करने जैसे प्रदर्शन होंगे। इसके साथ ही सेना के अत्याधुनिक हथियारों की क्षमताओं का भी आंकलन किया जाएगा। जानकारी के अनुसार थलसेना के मैकेनाइज्ड और आर्मर्ड कोर (टैंक रेजिमेंट) इसमें हिस्सा लेंगे।
लड़ाकू हेलिकॉप्टरों और हवाई निगरानी प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा, ताकि यहां से एयरफोर्स भी इस युद्धाभ्यास में हिस्सा ले सके। वहीं नेवी के कमांडो भी इस युद्धाभ्यास में शामिल होंगे। युद्धाभ्यास को दिन के अलावा रात के अंधेरे में भी किया जाएगा।