दशकों से चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे सीमावर्ती जैसलमेर के लिए बड़ी खुशखबरी है।
दशकों से चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे सीमावर्ती जैसलमेर के लिए बड़ी खुशखबरी है। रामगढ़ बाइपास पर नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज में आगामी 10 नवम्बर से शिक्षण कार्य शुरू होने जा रहा है। यहां बनने वाले जिला अस्पताल व संचालित होने वाले मेडिकल कॉलेज के लिए 10 चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है।
इनमें 5 ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है जबकि अन्य पहले से सरकारी चिकित्सक के पद पर कार्यरत हैं, जो आगामी कुछ दिनों में एनओसी मिलने के बाद ज्वॉइन कर लेंगे। गौरतलब है कि जैसलमेर मेडिकल कॉलेज के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन ने 50 सीटों को मंजूरी दी है। नए सत्र 2025-26 से कॉलेज में एमबीबीएस में प्रवेश हो गए हैं। चयनित 48 विद्यार्थियों ने यहां पहुंच कर प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर ली हैंं। शेष 2 विद्यार्थी जयपुर में 6 से 8 नवम्बर तक होने वाली तीसरी काउंसलिंग के बाद आ जाएंगे। राज्य सरकार की ओर से टोंक और जैसलमेर दोनों नई सरकारी मेडिकल कॉलेजों के लिए 100-100 सीटों की मांग की गई थी, लेकिन एनएमसी ने फिलहाल 50-50 सीटें ही स्वीकृत की हैं।
रामगढ़ बाइपास मार्ग पर बन रहे मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल में कॉलेज का काम पूरा हो गया है। जानकारी के अनुसार कॉलेज का आवश्यक लायब्रेरी ब्लॉक तैयार है। यहां पढ़ाई के लिए दो बड़े लेक्चर थिएटर तैयार हो गए हैं। इनके लिए फर्नीचर आ गया है। प्रेक्टिकल लैब और मैस तैयार है। साथ ही लडक़े-लड़कियों के लिए हॉस्टल बन गए हैं। बताया जाता है कि आगामी 6 महीनों में जिला अस्पताल का काम भी पूरा हो जाएगा।