जैसलमेर

जैसलमेर में मानसिक रोगों का साया गहराया, हर दसवां व्यक्ति परेशान

धोरों की धरती जैसलमेर अपनी सांस्कृतिक विरासत, लोकधुनों और सुनहरी रेत के लिए जानी जाती है, पर अब यह शहर एक अदृश्य संकट से जूझ रहा है — मानसिक रोगों के पांव पसारने से।

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Oct 09, 2025

धोरों की धरती जैसलमेर अपनी सांस्कृतिक विरासत, लोकधुनों और सुनहरी रेत के लिए जानी जाती है, पर अब यह शहर एक अदृश्य संकट से जूझ रहा है — मानसिक रोगों के पांव पसारने से। पिछले कुछ वर्षों में यहां डिप्रेशन, मिर्गी, अनिद्रा और सिजोफ्रेनिया जैसे रोगों के मामले तेजी से बढ़े हैं। विशेषज्ञों के अनुसार 2018 तक जिले में लगभग 2 हजार मरीज मानसिक रोगों का इलाज करवा रहे थे, जो 2020 में बढक़र 5 हजार और 2021-22 में 7 हजार 200 तक पहुंच गए। अब 2025 में यह आंकड़ा 10 हजार से भी अधिक बताया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह उपचार कराने वाले मरीजों की संख्या है, वास्तविक संख्या 70 हजार के करीब हो सकती है।

यह है हकीकत

हकीकत यह है कि कोरोना महामारी के बाद मानसिक रोगों में सबसे अधिक उछाल आया। बेरोजगारी, पारिवारिक तनाव, नशा प्रवृत्ति और भविष्य की अनिश्चितता ने लोगों को मानसिक रूप से कमजोर कर दिया है। युवा वर्ग सबसे अधिक प्रभावित है। कई लोग अब भी इलाज और परामर्श से दूर हैं क्योंकि समाज में मानसिक रोगों को लेकर जागरूकता और स्वीकार्यता दोनों की कमी है। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाओं का अभाव और ग्रामीण इलाकों में परामर्श सेवाओं की कमी भी इस संकट को और गहरा कर रही है। विशेषज्ञों के अनुसार मानसिक रोग केवल दवाओं से नहीं, बल्कि संतुलित जीवनशैली से भी नियंत्रित किए जा सकते हैं। योग, ध्यान और नियमित व्यायाम को अपनाना मानसिक शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक है। परिवार और मित्रों से बातचीत, सकारात्मक सोच और खुलकर भावनाओं को व्यक्त करना भी उपचार का हिस्सा है।

उपचार-परामर्श के साथ जीवनशैली में बदलाव जरूरी

जिले में मोबाइल और इंटरनेट एडिक्शन के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। किशोर वर्ग तकनीक के अंधे आकर्षण में सामाजिक रूप से अलग-थलग पड़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह नई पीढ़ी के मानसिक संतुलन के लिए खतरनाक संकेत है। जैसलमेर जैसे शांत और सांस्कृतिक शहर में मानसिक स्वास्थ्य की यह चुनौती सामने आ रही है। समय पर इलाज, परामर्श और जीवनशैली में बदलाव से मानसिक रोगों के बढ़ते साए को रोका जा सकता है।

  • डॉ. रामसिंह यादव, मनोरोग विशेषज्ञ, राजकीय जवाहिर अस्पताल, जैसलमेर
Published on:
09 Oct 2025 10:53 pm
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