जैसलमेर के अमरसागर प्रोल के बाहर स्थित महाराणा प्रताप मैदान में चल रहे पार्किंग कार्य के दौरान पुराने ग्रामीण बस स्टेंड की तरफ बने हुए एक दर्जन से अधिक कियोस्क ढह गए।
जैसलमेर के अमरसागर प्रोल के बाहर स्थित महाराणा प्रताप मैदान में चल रहे पार्किंग कार्य के दौरान पुराने ग्रामीण बस स्टेंड की तरफ बने हुए एक दर्जन से अधिक कियोस्क ढह गए। इससे वहां पर विगत करीब दो दशक से व्यवसाय करने वाले दुकानदारों के सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। ये कियोस्क शुक्र और शनिवार की मध्यरात्रि में मैदान में चल रहे खुदाई कार्य के लिए हिटाची मशीन चलाए जाने के कारण धराशायी हो गए। इससे पहले भी पार्किंग कार्य के चलते दूसरी तरफ बने 5-7 कियोस्क धराशायी हुए थे। बताया जाता है कि नगरपरिषद प्रशासन की तरफ से कियोस्कधारकों को करीब दो माह पहले अपना सामान बाहर निकाल लेने और व्यवसाय बंद करने के लिए कहा गया था। शनिवार दिन में कियोस्कधारी व दुकानदार मौके पर पहुंचे। उनमें से कुछ रूआंसे नजर आए। उन्होंने कहा कि उनका रोजगार छिन गया है। जिस तरह से शहर में अन्य जगहों पर कियोस्कों में व्यापार चल रहा है, वैसे ही उन्हें भी पुन: यहीं पर कियोस्क बना कर दिए जाएं। उन्होंने नगरपरिषद प्रशासन पर तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
मध्यरात्रि के समय हिटाची मशीन की तरफ से मिट्टी खोदे जाने के चलते ऊपरी हिस्से में बने कियोस्क किसी फिल्मी सीन की भांति भरभरा कर गिर गए। उनमें रखा सामान पहले ही बाहर निकाल लिया गया था। फिर भी जो कुछ सामान समेटने लायक था, उसे कुछ दुकानदार शनिवार दिन में बटोरते नजर आए। गौरतलब है कि प्रताप मैदान में बहुमंजिला पार्किंग स्थल बनाया जा रहा है। जिसमें दो तल भूमिगत होंगे। इसके लिए वहां बड़े पैमाने पर खुदाई कार्य चल रहा है।
वर्तमान में पार्किंग निर्माण कार्य चलने की वजह से जो कियोस्क धराशायी हुए हैं उन धारकों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। वे कार्य पूर्ण होने के बाद पुन: उसी स्थान पर कियोस्क निर्माण कर सकेंगे।