परमाणु नगरी के मुख्य मार्गों पर निर्मित डिवाइडर टूटने लगे हैं। जिसके कारण कस्बे का सौंदर्य बिगड़ रहा है तो हादसे की भी आशंका बनी हुई है।
परमाणु नगरी के मुख्य मार्गों पर निर्मित डिवाइडर टूटने लगे हैं। जिसके कारण कस्बे का सौंदर्य बिगड़ रहा है तो हादसे की भी आशंका बनी हुई है। बावजूद इसकेे जिम्मेदार कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। जानकारी के अनुसार कस्बे में वर्षों पूर्व मुख्य चौराहे से निकली सडक़ों पर डिवाइडरों का निर्माण करवाया गया था। समय पर मरम्मत नहीं किए जाने के कारण डिवाइडर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए थे और जोधपुर रोड व जैसलमेर रोड पर तो डिवाइडर पूरी तरह से जमींदोज हो गए थे। जिसके कारण हर समय हादसे का भय रहता था। इसी को लेकर नगरपालिका की ओर से करीब पांच वर्ष पूर्व सडक़ का नवीनीकरण करवाकर नए सिरे से डिवाइडर का निर्माण करवाया गया था। जिसके अंतर्गत फलसूंड तिराहे से व्यास सर्किल होते हुए जैसलमेर रोड मदरसे तक और रेलवे स्टेशन रोड पर अंबेडकर सर्किल से व्यास सर्किल होते हुए फोर्ट रोड सुभाष चौक के पास तक डिवाइडर बनाए गए थे। निर्माण के बाद इन डिवाइडरों की न तो एक बार भी मरम्मत की गई, न ही सार-संभाल की जा रही है। जिसके कारण डिवाइडर जगह-जगह से क्षतिग्रस्त होते जा रहे हैं।
मुख्य चौराहे और मार्गों पर डिवाइडरों के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण पत्थर व रेत निकल रही है। मुख्य मार्ग पर डिवाइडरों के पास पत्थर व रेत जमा पड़ी है। जिसके कारण किसी वाहन के टकरा जाने से हादसे का भय बना हुआ है। यही नहीं किसी राहगीर या बाइक सवार के इसकी चपेट में आ जाने से और किसी बड़े हादसे से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
सडक़ पर लगातार बिखर रही रेत और छोटे-बड़े पत्थर न केवल वाहन चालकों के लिए हादसे को न्योता दे रहे हैं, बल्कि परमाणु नगरी की छवि को भी खराब कर रहे हैं। पर्यटन सीजन करीब है और प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक यहां पहुंचते हैं। ऐसे में मुख्य मार्गों की यह अव्यवस्थित स्थिति आगंतुकों पर गलत प्रभाव डाल सकती है।
कस्बे में बढ़ती यातायात गतिविधियों और पर्यटन महत्व को देखते हुए मुख्य मार्गों का व्यवस्थित, सुरक्षित और सुंदर होना आवश्यक है। डिवाइडरों की मरम्मत, सडक़ से रेत-पत्थर की सफाई और समय पर देखरेख से स्थिति में सुधार हो सकता है।