गत 4 सितंबर से शुरू हुआ धरना दस दिनों तक चला और शनिवार को भाजपा नेताओं की मध्यस्थता में समाप्ति की घोषणा हुई।
गत 4 सितंबर से शुरू हुआ धरना दस दिनों तक चला और शनिवार को भाजपा नेताओं की मध्यस्थता में समाप्ति की घोषणा हुई। गौरतलब है कि जिले की उपखंड फतेहगढ़ के बईया के गाले की बस्ती में सोलर प्रोजेक्ट के सामने हुई सड़क दुर्घटना में दो माह पूर्व मोतीसिंह बईया और विक्रमसिंह झिनझिनयाली की मौत हो गई थी। मृतक दोनों ही कम्पनी में कार्यरत थे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि दुर्घटना वाहन भी कम्पनी का ही था, लेकिन कम्पनी ने दो माह तक परिवारों को कोई आर्थिक या सामाजिक सहायता प्रदान नहीं की। धरना स्थल पर भाजपा नेता स्वरूपसिंह खारा, पवनकुमारसिंह, दुर्जनसिंह सिहड़ार, जिला उपाध्यक्ष कोजराजसिंह थईयात, जिला महामंत्री नखतसिंह जोगीदास, पूर्व जिला उपाध्यक्ष स्वरूपसिंह झिनझिनयाली, भगवानसिंह, शोभसिंह बईया, पूर्व सरपंच जगमालसिंह, हाकमसिंह सिहड़ार, निम्बसिंह कुंडा, आसुराम तेजमालता, धनपतसिंह मोढ़ा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
ग्रामीणों की प्रमुख मांगें दुर्घटना के पीड़ित परिवारों को दो करोड़ रुपए का आर्थिक सहायता पैकेज, परिवार के प्रत्येक सदस्य को स्थायी नौकरी, कम्पनी में स्थानीय युवाओं को रोजगार तथा सीएसआर फंड के तहत गांवों में सड़क, शिक्षा, चिकित्सा और पेयजल जैसी सुविधाओं पर खर्च करने की थी। शनिवार को भाजपा नेताओं के प्रतिनिधि मंडल और कम्पनी के अधिकारियों की मध्यस्थता में परिवार को 10 लाख रुपए का आर्थिक पैकेज और दो सदस्यों को सिक्योरिटी गार्ड के पद पर नौकरी देने का समझौता हुआ। धरना समाप्ति के बाद दुर्जनसिंह सिहड़ार ने सभी ग्रामीणों, नेताओं और प्रतिनिधि मंडल को धन्यवाद दिया।