जैसलमेर

हाइटेंशन तारों के नीचे बसी बस्तियां, हर वक्त मंडरा रहा खतरा

पोकरण कस्बे के आबादी क्षेत्रों में हाइटेंशन विद्युत तारों के बीच बने मकान हादसे को दावत दे रहे हैं। वर्षों पहले जो 132 केवी विद्युत लाइनें कस्बे के बाहर से निकाली गई थीं, अब वे आबादी के बीच आ चुकी हैं।

2 min read
Oct 24, 2025
पोकरण के शिवपुरा क्षेत्र में मकानों के ऊपर से गुजरती हाइटेंशन विद्युत तारें।

पोकरण कस्बे के आबादी क्षेत्रों में हाइटेंशन विद्युत तारों के बीच बने मकान हादसे को दावत दे रहे हैं। वर्षों पहले जो 132 केवी विद्युत लाइनें कस्बे के बाहर से निकाली गई थीं, अब वे आबादी के बीच आ चुकी हैं। पोकरण के चारों ओर बसी नई बस्तियों में कई मकानों के ऊपर से ये खतरनाक तारें गुजर रही हैं, जिससे हर समय जान का खतरा बना हुआ है। चिंताजनक बात यह है कि न तो जिम्मेदार अधिकारी ध्यान दे रहे हैं और न ही लोग इस खतरे को गंभीरता से ले रहे हैं। कस्बे में बड़ी संख्या में लोग हाइटेंशन लाइनों के नीचे अपने आशियाने बना चुके हैं। इनमें कुछ ने अवैध रूप से अतिक्रमण किया है, जबकि कई ने वैध रूप से बसावट की है। आसमान छूती जमीनों के दाम और कॉलोनाइजरों की लापरवाही ने इस खतरे को और बढ़ा दिया है। ग्रिड सब स्टेशन से निकलने वाली 11 केवी और 33 केवी लाइनें भी शुरू में कस्बे के बाहर से गुजारी गई थीं, लेकिन अब इन इलाकों में बस्तियां पनप चुकी हैं।

हादसों से भी सबक नहीं

बीते डेढ़ दशक में 132 केवी जीएसएस से काली मगरी की ओर जाने वाली लाइन के ढीले तारों की चपेट में आने से दो लोगों और दो पशुओं की मौत हो चुकी है। कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनमें कुछ स्थायी रूप से दिव्यांग भी हो गए। इसके बावजूद जिम्मेदारों का ध्यान इस ओर नहीं गया है। कस्बे के शिवपुरा और माधोपुरा क्षेत्रों में स्थिति और भी भयावह है। यहां कई घरों के ऊपर से ही हाइटेंशन तारें गुजर रही हैं, जबकि कुछ स्थानों पर ये नीचे झूलती दिखाई देती हैं। हर समय बड़े हादसे का खतरा बना रहता है, लेकिन तारों को शिफ्ट करने की कवायद अब तक शुरू नहीं की गई है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे वर्षों से इस समस्या से जूझ रहे हैं, पर विभागीय उदासीनता के कारण स्थिति जस की तस बनी हुई है।

Published on:
24 Oct 2025 10:06 pm
Also Read
View All

अगली खबर