जैसलमेर

नि:शक्त हो रहा है शक्ति स्थल, उपेक्षित हालत में सामान व मॉडल

पर्यटन के मानचित्र पर अंकित करने के उद्देश्य से गत करीब डेढ़ दशक पूर्व यहां कस्बे में जैसलमेर रोड पर खादी ग्रामोद्योग परिसर में शक्तिस्थल के नाम से एक म्यूजियम की स्थापना की गई, लेकिन प्रशासनिक उपेक्षाओं के चलते यह योजना उद्देश्यहीन होकर रह गई।

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Jul 29, 2024

पर्यटन के मानचित्र पर अंकित करने के उद्देश्य से गत करीब डेढ़ दशक पूर्व यहां कस्बे में जैसलमेर रोड पर खादी ग्रामोद्योग परिसर में शक्तिस्थल के नाम से एक म्यूजियम की स्थापना की गई, लेकिन प्रशासनिक उपेक्षाओं के चलते यह योजना उद्देश्यहीन होकर रह गई। जानकारी के अनुसार करीब डेढ़ दशक पूर्व पोकरण कस्बे की विश्वस्तरीय पहचान को देखते हुए यहां देशी विदेशी पर्यटकों के ठहराव व कस्बे के प्रति आकर्षण को बढ़ाने के लिए नगरपालिका प्रशासन व स्थानीय खादी ग्रामोद्योग कार्यकर्ताओं के सहयोग से जैसलमेर रोड स्थित खादी भंडार परिसर को शक्तिस्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया, ताकि यहां आने वाले देशी विदेशी पर्यटकों को पोकरण के शक्तिस्थल होने की एक झलक दिखाई दे सके। यह योजना ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकी। परिकल्पना करने वाले तत्कालीन जिला कलक्टर डॉ. केके पाठक के स्थानांतरण के साथ ही शक्तिस्थल के बुरे दिनों की शुरुआत हुई और अब यहां बनाए गए मॉडल क्षतिग्रस्त हो रहे है।

आयुद्ध गैलेरी का निर्माण कर बनाए गए थे मॉडल

  • देशी विदेशी पर्यटकों के आकर्षण को बढ़ाने के लिए स्थानीय खादी भंडार परिसर में एक विशाल आयुद्ध गैलेरी का निर्माण किया गया।
  • इस गैलेरी में पाषाणयुग, लोह व काठ युगीन हथियारों, तलवार, भाले, तीर कमान, कटार, बरछी के साथ ही आधुनिक अस्त्र शस्त्रों को एकत्र कर सजाया गया।
  • आज तक के विभिन्न युद्धों की जानकारी संकलित कर प्रदर्शनी के तौर पर लगाई गई और विभिन्न युद्धों से संबंधित चित्र, महापुरुषों व अमर शहीदों के चित्रों से भी सजाया गया।
  • म्यूजियमनुमा इस आयुद्ध गैलेरी के बाहर एक चौकी पर 1971 में पाकिस्तान से जीतकर लाया गया टैंक, युद्धक जहाज विक्रांत व मिसाईल के मॉडल भी लगाए गए।
  • परिसर में एक अमरजवान ज्योति, परमाणु भट्टी व बम, रेगिस्तान में भारत-पाक सीमा पर सीमा सुरक्षा बल की चौकी, तारबंदी के साथ ही पहाड़ी क्षेत्रों में बनाए जाने वाले भूमिगत बंकर व मोर्चों के मॉडल का भी निर्माण करवाया गया
  • इन निर्माणों से आने वाले पर्यटकों को एक ही जगह पर जल, थल व वायुसेना के बारे में कुछ जानकारियां मिल पाती थी।

जर्जर हो रहे निर्माण व मॉडल

शक्तिस्थल की स्थापना करने का मूल उद्देश्य पोकरण क्षेत्र को पर्यटन हब के रूप में विकसित करना था। जिससे स्थानीय लोगों को पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार मिल सके, लेकिन यह योजना अपने उद्देश्यों पर खरी नहीं उतर पाई। शक्तिस्थल में करवाए गए विकास कार्य ध्वस्त हो जाने के कारण पोकरण क्षेत्र को पर्यटन के रूप में नए आयाम नहीं मिल सके। यहां खर्च की गई लाखों रुपए की धनराशि का भी उपयोग नही हो पा रहा है। यहां निर्मित अमर जवान ज्योति भी क्षतिग्रस्त हो गई। इसके साथ ही सेना के बंकर का मॉडल, मिसाइल, सीमा सुरक्षा बल की तारबंदी के मॉडल आदि बिखर चुके है।

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पोकरण में हुए परमाणु परीक्षणों की आमजन को जानकारी देने और पर्यटकों को पोकरण में आकर्षित करने के उद्देश्य से इंदिरा शक्ति पेनोरमा की घोषणा की गई, लेकिन अभी तक न तो जमीन आवंटित हो सकी है, न ही कोई कवायद आगे बढ़ सकी।

Published on:
29 Jul 2024 11:28 pm
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