तहसीलदार पद से निलंबित किए जाने के दो दिन बाद विश्वप्रकाश चारण ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर जिला कलक्टर जैसलमेर पर कई आरोप लगाए हैं।
तहसीलदार पद से निलंबित किए जाने के दो दिन बाद विश्वप्रकाश चारण ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर जिला कलक्टर जैसलमेर पर कई आरोप लगाए हैं। गुरुवार देर रात उन्होंने लगातार पोस्ट कर खुद को कार्रवाई का शिकार बताया और कलक्टर पर भ्रष्टाचार को संरक्षण देने के आरोप लगाए। इधर कलक्टर ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है।
चारण ने लिखा, 'मैंने खुद चलाकर मामला ढूंढा और दो माह पूर्व ही पोकरण थाने में मुकदमा दर्ज कराया, यानी चोरी पकड़ना ही मेरी गलती हो गई। चोर को पकड़ने वाले को ही पकड़ने में कलक्टर माहिर हैं।' उन्होंने दावा किया कि रक्षा विभाग की कब्जे वाली जमीन के नामांतरण में गड़बड़ी की शिकायत उन्होंने स्वयं की थी, लेकिन पुलिस ने अब तक मामला दर्ज नहीं किया। चारण ने कलक्टर के खिलाफ मुख्य सचिव को की गई शिकायत की भी जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि भ्रष्टाचार उजागर करने के कारण ही उन्हें निलंबित किया गया।
उल्लेखनीय है कि मई में उनका तबादला पोकरण से कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने न्यायालय से स्थगन आदेश लेकर दोबारा पदभार ग्रहण कर लिया था। इस बीच विभागीय जांच के बाद दो दिन पूर्व उन्हें निलंबित कर दिया गया।
1- पोकरण के निलंबित तहसीलदार विश्वप्रकाश चारण पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। उन पर रक्षा विभाग की जमीन का नामांतरण करने, स्टाम्प शुल्क में राजस्व हानि पहुंचाने, अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई में बाधा डालने और प्रशासन के आदेश की अवहेलना करने जैसे आरोप हैं।
2- चारण पर यह भी आरोप है कि एक कंपनी की संपत्तियों की खरीद-फरोख्त पर रोक के बावजूद उन्होंने एक जमीन का स्वत: नामांतरण किया। साथ ही, बिलिया गांव में अतिक्रमण हटाने के आदेश का पालन नहीं किया गया, जिससे पुलिस बल तैनात नहीं हो पाया।
3- एक मामले में पोकरण के एक व्यक्ति ने तहसीलदार पर कार्यालय में मारपीट और गिरफ्तारी कराने का आरोप लगाते हुए अदालत में परिवाद प्रस्तुत किया।
4- भूमि आवंटन में गड़बड़ी के तीन मामलों की जांच में जवाब नहीं देने पर उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था।
5- कृषि भूमि को छोटे टुकड़ों में विभाजित कर आवासीय भूमि में परिवर्तित करने और इस प्रक्रिया में संपरिवर्तन शुल्क की सरकार को हानि होने का आरोप भी है।
जिला कलक्टर प्रताप सिंह की ये 16 सीसीए कार्यवाही द्वेषतावश की गई है। मेरी बात मैंने उच्च स्तर तक पहुंचा दी है। मुझे सरकार पर पूरा भरोसा है कि मेरे साथ न्याय होगा और जिला कलेक्टर पर शीघ्र ही कार्रवाई होगी।
आधिकारिक रूप से यह मामला हमारे संज्ञान में नहीं है।