स्वर्णनगरी इन दिनों तंदूर की तरह तप रही है। बीते पखवाड़े से अधिक समय से शहर भीषण गर्मी और लू की चपेट में है।
स्वर्णनगरी इन दिनों तंदूर की तरह तप रही है। बीते पखवाड़े से अधिक समय से शहर भीषण गर्मी और लू की चपेट में है। दोपहर में सडक़ों पर सन्नाटा पसरा रहता है, लोग बेहद जरूरी काम होने पर ही बाहर निकलते हैं, लेकिन इस प्रचंड गर्मी के बीच भी शहर की कानून व्यवस्था और यातायात संचालन की जिम्मेदारी निभा रहे पुलिसकर्मी मैदान में डटे हुए हैं। जैसलमेर के ट्रैफिक प्वाइंट्स, प्रमुख चौराहों, धार्मिक स्थलों और वीआईपी रूट्स पर 30 यातायात पुलिसकर्मी तैनात हैं। इनकी ड्यूटी सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक और शाम 4.30 से रात 8.30 बजे तक चलती है। सूरज की पहली किरण के साथ ही गर्मी का कहर शुरू हो जाता है और शाम तक तापमान 45 डिग्री पार चला जाता है। ऐसे में पुलिसकर्मी उबलती कोलतार की सडक़ों पर खड़े रहकर अपने कर्तव्य को निभा रहे हैं।
गर्मी से बचाव के लिए अधिकतर पुलिसकर्मी सिर पर टोपी या गमछा बांधते हैं, चेहरे को कपड़े से ढंकते हैं और आंखों पर रंगीन चश्मा लगाते हैं। पानी की बोतल साथ लेकर बार-बार तरल पदार्थ लेते हैं ताकि लू से बच सकें। पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में यातायात प्रभारी निश्चल केवलिया ने बताया कि कुछ राहत भरे प्रबंध करवाए हैं। शहर के हनुमान चौराहा, विजय स्तंभ, किशनसिंह भाटी बस स्टैंड सहित अन्य प्वाइंट्स पर छाया के लिए टेंट व शीतल जल के कैम्पर की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि धूप में खड़े रहकर ट्रैफिक कंट्रोल करना और दौड़भाग करना अब भी रोज़मर्रा की दिनचर्या में शामिल है।