जैसलमेर के सैकड़ों साल प्राचीन सोनार दुर्ग के परकोटे के शिव मार्ग से सटी दीवार और बुर्ज से जुड़े चार काम इन दिनों प्रगति पर है।
जैसलमेर के सैकड़ों साल प्राचीन सोनार दुर्ग के परकोटे के शिव मार्ग से सटी दीवार और बुर्ज से जुड़े चार काम इन दिनों प्रगति पर है। जर्जर पत्थरों व टूटी बुर्ज की दीवार के जीर्णोद्धार व पुनर्निर्माण के काम को आगामी मानसून काल से पूरा करने की चुनौती जिम्मेदारों के सामने है क्योंकि तेज बारिश के दौरान इस बुजुर्ग दुर्ग की सैकड़ों साल प्राचीन दीवारों व बुर्जों आदि को हमेशा से खतरा रहता आया है। ऐसे में इन दिनों जहां-जहां जीर्णोद्धार कार्य के लिए पत्थर उतारे गए हैं, उनके स्थान पर नए पत्थर लगाने का काम समय रहते नहीं हुआ तो आसपास के दीवार के हिस्से को भी बारिश के प्रहार से खतरा हो सकता है। गौरतलब है कि केंद्रीय कला-संस्कृति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत के पिछले अर्से जैसलमेर आगमन पर उन्होंने सोनार दुर्ग का बारीकी से अवलोकन किया था और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारियों को दुर्ग के उन हिस्सों की मरम्मत व जीर्णोद्धार के कार्य को तत्परता से करवाने को कहा था, जो सैलानियों के सीधे देखने में आते हैं। इसके बाद से एएसआई की तरफ से दुर्ग संरक्षण कार्य में गति देखी गई है। इसी कड़ी में पिछले दिनों दुर्ग की सूरज प्रोल और गणेश प्रोल के बीच वाले हिस्से में जर्जर छज्जे व दीवार का काम करवाया गया। नए सूचना पट्ट स्थापित करवाए गए।
शिव मार्ग से लगते दुर्ग के परकोटे की दीवार के पुनर्निर्माण कार्य को पुरातन शैली में करवाया जा रहा है। भारतीय पुरातत्व एवं सर्वेक्षण विभाग की तरफ से करवाए जा रहे इस काम से दरक रही दीवार को जैसलमेरी पत्थरों से नया बनाया जा रहा है। इसके लिए वही तकनीक काम में ली जा रही है, जिससे यह सोनार दुर्ग पूर्व में बनाया गया था। इस कार्य से दीवार को न केवल मजबूती दी जा रही है बल्कि इससे दुर्ग के बाहरी क्षेत्र की खूबसूरती में भी इजाफा होगा। हालांकि इसी दीवार के आगे वाले हिस्से में भी मोटे-मोटे पत्थर अपनी जगह छोड़ रहे हैं। उन्हें भी दुरुस्त करवाना होगा। अन्यथा पूर्व में हुए हादसों की पुनरावृत्ति होने से इनकार नहीं किया जा सकता। विभाग के सूत्रों ने बताया कि टुकड़ों-टुकड़ों में शेष बची दीवार के नवनिर्माण का कार्य भी करवाया जाएगा। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने समय-समय पर दुर्ग के बाहरी हिस्से की इस दीवार की कमजोरी के मुद्दे को लगातार जिम्मेदारों के सामने पुरजोर ढंग से उठाया है।