पोकरण कस्बे का राजकीय जिला चिकित्सालय, वार्डों में लगे कचरे व गंदगी के ढेर, मरीजों के बेड के पास ही रखी पुरानी चद्दरें… ऐसे हालात में मरीज स्वस्थ होने की बजाय और अधिक बीमार हो रहे है।
पोकरण कस्बे का राजकीय जिला चिकित्सालय, वार्डों में लगे कचरे व गंदगी के ढेर, मरीजों के बेड के पास ही रखी पुरानी चद्दरें… ऐसे हालात में मरीज स्वस्थ होने की बजाय और अधिक बीमार हो रहे है। यही नहीं मरीजों के साथ आए परिजनों में भी संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। जानकारी के अनुसार कस्बे में जिला स्तर का राजकीय अस्पताल स्थित है। जिले का दूसरा सबसे बड़ा राजकीय अस्पताल होने से यहां प्रतिदिन सैकड़ों मरीज उपचार के लिए पहुंचते है। अस्पताल में प्रतिदिन ओपीडी 800 से 900 रहती है, तो भर्ती मरीजों, प्रसूताओं, बच्चों की संख्या भी 200 तक पहुंच जाती है। इन मरीजों के साथ एक-दो परिजन भी अस्पताल आते है। ऐसे में यहां हर समय 1500-2000 की भीड़ रहती है। अस्पताल में सफाई कर्मचारियों के 8 पद स्वीकृत है, जो सभी रिक्त पड़े है। ऐसे में सफाई व्यवस्था ठेके पर चल रही है।
अस्पताल में प्रतिदिन एक हजार से अधिक मरीजों की आवाजाही होती है। इस दौरान अस्पताल संक्रमण के मामले में संवेदनशील जगह है। यहां बिगड़ी सफाई व्यवस्था संक्रमण फैला सकती है। अस्पताल में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ी हुई है। यहां वार्डों व उसके बाहर कचरा व गंदगी बिखरी देखी जा सकती है। जिसके कारण हर समय दुर्गंध फैली रहती है। जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है।
अस्पताल में मरीज के भर्ती होने पर चद्दर अवश्य दिया जाता है, लेकिन पुराने चद्दर को कार्मिकों की ओर से मरीज के बेड के पास ही रख दिया जाता है। यह चद्दर सफाई कर्मचारी के आने के बाद ही हटता है। ऐसे में कई बार घंटों तक दुर्गंधयुक्त चद्दर यहां पड़ा रहने से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है और मरीजों व परिजनों को भी परेशानी सामना करना पड़ता है। इसी प्रकार अस्पताल के वार्डों में सफाई की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दीवारों पर जाले जमे हुए पड़े है। लगता है मानो यहां कई दिनों या महिनों से सफाई नहीं की गई है।
अस्पताल के कई वार्डों में बिजली फिटिंग टूटी पड़ी है, जिससे पाइप व अन्य उपकरण नीचे झूल रहे है। कई वार्डों व कक्षों में स्विच एवं बोर्ड भी टूटे हुए है। ऐसे में किसी मरीज या परिजन के चपेट में आने से किसी हादसे से भी इनकार नहीं किया जा सकता। इसी प्रकार अस्पताल में पशु-पक्षियों का भी जमावड़ा देखा जा सकता है, जो यहां कचरा व गंदगी बिखेर रहे है।
अस्पताल में समय पर सफाई नहीं हो रही है। कचरे व गंदगी के कारण दुर्गंध से बेहाल हो रहा है। साथ ही परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है।
अस्पताल में सफाई व्यवस्था बिगड़ी हुई है। मरीज भर्ती होने पर चद्दर बदलकर पास ही रख दिए जाते है। गंदगी और बीमार मरीजों के चद्दरों से संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है।