वरघोड़ा प्रातः गड़ीसर चौराहे से प्रारंभ होकर सालिमसिंह हवेली, गोपा चौक, जिंदाणी चौक, गांधी चौक, महावीर मार्केट होते हुए जैन भवन तक पहुंचा।
सम्यक चातुर्मास के अंतर्गत नगर में तपस्वियों का वरघोड़ा निकाला गया। साध्वी प्रशमिता महाराज, साध्वी अर्हमनिधि महाराज, साध्वी परमप्रिया महाराज और साध्वी अर्पणनिधि महाराज के सानिध्य में आयोजित इस आयोजन में आठ से ग्यारह उपवास करने वाले तपस्वियों को रथ में बिठाकर उनकी तपस्या की अनुमोदना की गई। वरघोड़ा प्रातः गड़ीसर चौराहे से प्रारंभ होकर सालिमसिंह हवेली, गोपा चौक, जिंदाणी चौक, गांधी चौक, महावीर मार्केट होते हुए जैन भवन तक पहुंचा। मार्ग में नगरवासियों ने पुष्प वर्षा और अक्षत अर्पण से तपस्वियों का सम्मान किया। पंचरंगी साफों में श्रावक वर्ग और लाल चुनड़ी में श्राविकाएं शासन ध्वज लेकर भजन गाते-नाचते हुए जिन शासन की जयकार कर रहे थे।जैन भवन स्थित भगवान महावीर उत्कर्ष भवन पहुंचने पर महिला मंडलों ने वरघोड़े का स्वागत किया। धर्मसभा को संबोधित करते हुए साध्वी भगवंत ने कहा कि सामान्यतः एक समय भोजन न मिलने पर मन विचलित हो जाता है, किंतु संघ के तपस्वियों ने तीन से ग्यारह दिनों तक आहार का त्याग कर रसेन्द्रिय को नियंत्रित किया और निर्विघ्न धर्म आराधना की।
जैन ट्रस्ट अध्यक्ष महेन्द्र सिंह भंसाली ने कहा कि इस वर्ष का चातुर्मास ऐतिहासिक रहा है, जिसमें तीनों पीढ़ियों ने समर्पित भाव से धर्म आराधना की। उन्होंने सकल संघ को मार्च में होने वाले चादर महोत्सव में जुड़ने का आह्वान किया। बीकानेर से आए सुनील पारख ने तपस्या व गुरु वंदना के गीत प्रस्तुत किए। सकल संघ ने तपस्वियों का बहुमान किया। परमात्मा के रथ का लाभ महेंद्र कुमार अमित कुमार राखेचा परिवार, गुरुदेव के रथ का लाभ ज्ञानचंद भूरचंद डूंगरवाल परिवार तथा स्वामी वात्सल्य का लाभ राखेचा परिवार ने लिया। जल प्रबंध कंचन देवी चोरड़िया परिवार ने किया। चातुर्मास समिति अध्यक्ष ललित जिंदाणी ने सहयोग के लिए जैन ट्रस्ट, जिन कुशल युवा मंडल, खरतरगच्छ युवा परिषद, पार्श्व महिला मंडल, भैरव महिला मंडल एवं जिन कुशल मनोज्ञ महिला मंडल को धन्यवाद ज्ञापित किया।