जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि और 25 जून 1975 को लागू आपातकाल की 50वीं बरसी पर मंगलवार को भाजपा जिला कार्यालय में विचार गोष्ठी आयोजित हुई।
जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि और 25 जून 1975 को लागू आपातकाल की 50वीं बरसी पर मंगलवार को भाजपा जिला कार्यालय में विचार गोष्ठी आयोजित हुई। मुख्य वक्ता किसान आयोग अध्यक्ष सीआर चौधरी ने कहा कि जिसने संविधान और लोकतंत्र की हत्या की हो, उसे संविधान बचाओ’ जैसी बातें करने का अधिकार नहीं है। चौधरी ने कहा कि सत्ता बचाने के लिए लोकतंत्र को कुचल दिया गया। विपक्षी नेताओं, संघ कार्यकर्ताओं को जेलों में डाला गया, यातनाएं दी गईं, प्रेस की स्वतंत्रता छीनी गई और आम नागरिकों के अधिकारों का हनन हुआ। देश में भय का वातावरण बना दिया। इसका जवाब जनता ने 1977 में कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया।.डॉ. मुखर्जी को याद करते हुए चौधरी ने कहा कि उन्होंने एक देश, एक संविधान के लिए संघर्ष किया और नेहरू केबिनेट से इस्तीफा देकर कश्मीर की एकता के लिए आंदोलन किया। उनकी मृत्यु आज भी रहस्य बनी हुई है। वे एक विद्वान, राष्ट्रभक्त और दृढ़ विचारों वाले नेता थे, जिन्होंने हिंदू महासभा के माध्यम से स्वतंत्रता आंदोलन में भी योगदान दिया। गोष्ठी को विधायक छोटूसिंह भाटी, प्रदेश मंत्री आईदानसिंह भाटी, पूर्व विधायक शैतानसिंह राठौड़ और जिलाध्यक्ष दलपत हींगड़ा ने भी संबोधित किया। प्रदेश संयोजक रामस्वरूप सोलंकी और जिला संयोजक सवाई सिंह गोगली ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। मंच संचालन जिला मंत्री मदन सिंह राजमथाई ने किया। इस अवसर पर आपातकाल में मीसाबंदी रहे नेताओं और उनके परिजनों का शॉल, माला और साफा पहनाकर सम्मान किया गया। गोपाल खत्री, मनोज भाटिया, सुशील व्यास, सुजाता भाटिया, घनश्याम भाटिया और ओमप्रकाश खत्री को सम्मानित किया गया।