पोकरण के निवर्तमान एसडीएम प्रभजोतसिंह गिल की ओर से जैसलमेर कलेक्टर पर लगाए गए गंभीर आरोपों ने प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है।
पोकरण के निवर्तमान एसडीएम प्रभजोतसिंह गिल की ओर से जैसलमेर कलेक्टर पर लगाए गए गंभीर आरोपों ने प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। सांसद उम्मेदाराम बेनिवाल ने पूरे मामले को चिंताजनक बताते हुए इसे प्रशासनिक मर्यादा, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व के विरुद्ध बताया है। उन्होंने बताया कि एसडीएम ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि कलेक्टर की ओर से कंपनियों के पक्ष में काम करने और किसानों की जमीन बिना मुआवजा अधिग्रहित करने का अनैतिक दबाव बनाया गया। यह एक ईमानदार अधिकारी की कार्यस्वतंत्रता और आत्मसम्मान पर सीधा हमला माना जा रहा है।सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि इस पत्र के अगले ही दिन प्रभजोत सिंह गिल का तबादला कर दिया गया, जिससे पूरे घटनाक्रम पर संदेह गहराया है और प्रशासनिक निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं।
सांसद ने यह भी याद दिलाया कि इससे पहले जिला दिशा समिति की बैठक में अपनी अनुपस्थिति की पूर्व जानकारी लिखित रूप में देने के बावजूद केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने गुमराह करने वाला बयान दिया था, जिसे प्रमाण सहित खंडन किया गया था। इन घटनाओं को जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि जिले में पारदर्शिता और स्वतंत्र कार्य संस्कृति लगातार कमजोर हो रही है।सांसद ने आरोप लगाया कि कलेक्टर न तो जनसुनवाई के प्रति गंभीर हैं और न ही आमजन की समस्याओं को समझने के प्रति संवेदनशील। उन्होंने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से मांग की है कि पोकरण एसडीएम की ओर से लगाए गए आरोपों की उच्चस्तरीय व निष्पक्ष जांच करवाई जाए।