जैसलमेर जिले के रणधा गांव क्षेत्र में बुधवार को खेत में बनी डिग्गी में दो युवकों के डूब जाने से क्षेत्र में हडक़म्प मच गया।
जैसलमेर जिले के रणधा गांव क्षेत्र में बुधवार को खेत में बनी डिग्गी में दो युवकों के डूब जाने से क्षेत्र में हडक़म्प मच गया। बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे और झिनझिनयाली थाना पुलिस ने कार्रवाई शुरू की। दोनों को रेस्क्यू करने के लिए लोगों ने अपने स्तर पर प्रयास शुरू किए। जेसीबी मशीन लगा कर पानी निकाला गया, इसके बावजूद दोनों डूबे हुए युवकों का कुछ पता नहीं चला। जानकारी के अनुसार उप-तहसील झिनझिनयाली के रणधा गांव में फतेहसिंह के खेत में बनी डिग्गी में अपराह्न पश्चात करीब 3 बजे मुकेशनाथ पुत्र चांदनाथ (16) निवासी रणधा और मेवनाथ पुत्र बंशीनाथ (18) निवासी बाड़मेर नहाने उतरे। बताया जा रहा कि दोनों जने खेत में काम करने गए थे। गर्मी के दौरान नदीनुमा डिग्गी में नहाने उतरे। ग्रामीणों ने अपने स्तर पर युवकों को निकालने का हर संभव प्रयास किया गया, लेकिन उन्हें विफलता हाथ लगी। ग्रामीणों ने पुलिस को जानकारी दी और मौके पर पहुंची झिनझिनयाली पुलिस ने नदी में डूबे दो युवकों को बाहर निकालने के भी प्रयास नाकाम होते देख जिला प्रशासन व एसडीआरएफ को सूचना दी। मौके पर फतेहगढ़ उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार भी पहुंचे। जैसलमेर से रेस्क्यू टीम को भी मौके पर बुलाया गया है, जिसने शाम 6 बजे वहां पहुंच कर काम शुरू कर दिया। जेसीबी मशीन व ट्रैक्टरों की मदद से जल भराव वाले स्थान को खाली करने के प्रयास जारी है। शाम तक दोनों युवकों को नदी के दलदल से नहीं निकाला जा सका था। बताया जाता है कि यहां जल भराव 200 से 300 मीटर का है। उसमें दलदल व कंटीली झाडिय़ों के होने उन्हें ढूंढऩे में दिक्कतें पेश आ रही हैं।पुलिस के अनुसार जिस स्थान पर उनके चप्पल जूते मिले हैं, वहां बरसात के चलते खेत में बनी डिग्गी में ज्यादा पानी भर गया है।
जिले में बरसाती सीजन के दौरान गड्ढे लोगों के लिए मौत के कुओं में तब्दील हो रहे हैं। गत दिनों पोकरण क्षेत्र के नई मांगोलाई में बारिश के पानी से भरे एक गहरे गड्ढे में डूबने से चार सगे भाई-बहनों की मौत हो गई थी। जिले के विभिन्न ग्रामीण इलाकों में मिट्टी, ग्रेवल, बजरी, पत्थर और जिप्सम की खुदाई के कारण कई गहरे गड्ढे बन चुके हैं। सडक़ों के निर्माण अथवा निजी उपयोग के लिए की गई खुदाई के बाद इन गड्ढों को दोबारा नहीं भरा जाता। यही गड्ढे बारिश के दौरान पानी से लबालब भर जाते हैं और जानलेवा साबित हो रहे हैं। इन गड्ढों में नहाने या खेलने के दौरान हर साल कई बच्चों व युवाओं की जान जा चुकी है, लेकिन अब तक जिम्मेदार विभागों ने कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला है। न सुरक्षा इंतजाम किए गए, न चेतावनी बोर्ड लगाए गए और न ही समय रहते इन्हें भरने की सुध ली गई।
गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने मानसून पूर्व ही 15 जून को च्हर साल हादसे, फिर भी जिम्मेदारों की अनदेखीज् शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इन गड्ढों को भरने, चेतावनी बोर्ड लगाने और सुरक्षा प्रबंध करने को लेकर जिम्मेदारों का ध्यान आकृष्ट किया गया था।