Chhattisgarh News: जांजगीर शहर के लोगो को मच्छर से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिसके चलते पालिका के पास अब शहरवासियों को मच्छरों से बचाने का कोई इंतजाम नहीं है।
Chhattisgarh News: जांजगीर शहर मच्छर मुक्त तो नहीं हो पाया लेकिन हां मच्छरों से भगाने के लिए खरीदे गए तीनों मशीनें खराब हो जाने से पालिका जरुर फॉगिंग मशीन विहीन हो गया है। तीनों मशीनें खराब होकर कबाड़ हो चुकी है और अब मच्छर भगाने लायक नहीं बची है। बताया जा रहा है कि कोरोना काल के पहले लहर के दौरान जो फॉगिंग मशीनें आखिरी बार निकली थी, इसके बाद से दोबारा कभी बाहर नहीं आई है। पड़े-पड़े ही मशीनें खराब हो गई। ऐसे में पालिका के पास अब शहरवासियों को मच्छरों से बचाने कोई इंतजाम नहीं है।
बड़े शहरों की तर्ज पर नगरपालिका जांजगीर-नैला द्वारा सालों पहले फॉगिंग मशीन तो खरीद ली गई लेकिन फायदा शहरवासियों को कभी नहीं मिला। इसके दर्शन शुरुआत से ही शहरवासियों के लिए दुर्लभ ही रहे। कभी-कभार सड़क पर इसे लेकर पालिका के कर्मचारी निकलते थे तो भी वीआईपी इलाकों के तहत सिमटकर रह गए।
शहर के भीतर वार्डों और मोहल्लों में कभी घुसे ही नहीं। इसके बाद कोविड का आतंक आया तो पहले लहर के दौरान इसे बाइक और वाहनों को भरकर वार्डों में जरुर दौड़ाया गया और खूब धुंआ उड़ाया गया। मगर कुछ दिनों तक ही। इसके बाद जो इसे फायर स्टेशन में रखा गया उसके बाद से आज तक बाहर नहीं निकला। फायर स्टेशन के किस कोने में इसे रखा गया है यह तो वहां के कर्मचारी भी नहीं जानते। या फिर जानने के बाद भी शायद बताना नहीं चाह रहे क्योंकि अफसरों का डर भी है।
शहर में मच्छरों का आंतक इस कदर है कि हर माह घर में खर्च होने वाले बजट में मच्छर भगाने वाला क्वाइल और लिक्वड का खर्च भी शामिल हो चुका है। घर में लोग भले ही कुछ दूसरा सामान लेना भूल जाएंगे लेकिन इन दोनों सामानों को खरीदना नहीं भूलेंगे क्योंकि इसके पीछे एक रात भी गुजारना मुश्किल हो जा रहा है।
दूसरी ओर न तो शहर में फॉगिंग हो रही है और न ही मच्छरों को पनपने से रोकने लार्वा हिट या इस तरह का कोई इंतजाम होता नज आ रहा है। इधर विडंबना यह है कि पालिका शहर में पानी निकासी का भी इंतजाम नहीं कर पा रहा है। बारिश के बाद अब शहर के हर वार्डों में खाली पड़े स्थानों में गंदे पानी का जमावड़ा है जहां मच्छर पनप रहे हैं और लोगों को जीरा मुहाल कर दे रहे हैं। मलेरिया और फाइलेरिया जैसी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। नालियों भी गंदगी से बजबजा रही है।