CG News: युवक के फार्महाउस में लव बर्ड्स, सैकड़ों तरह की मछली भी, जिले के अलावा बड़े शहरों में होती है सप्लाई, कहा- पक्षी पालन का शौक भी हो जाता है पूरा
संजय राठौर. ‘जहां चाह वहां राह’ वाली कहावत हिमांशु खूंटे के जीवन में फिट बैठती है। (CG News ) नवागढ़ ब्लाक के ग्राम कोटिया में जैसे ही आप प्रवेश करेंगे आपको सड़क किनारे एक फार्महाउस मिलेगा। जिसमें मशक्कली कबूतर, लव बर्ड्स, सैकड़ों प्रकार की इक्वेरियम में मछली और दुर्लभ जीव जंतु देखने के लिए रोकने मजबूर कर देगा। हिमांशु खूंटे ने कामर्स की पढ़ाई करने के बाद उसे नौकरी के बेहतर अवसर मिले।
लाखों रुपए की सैलरी वाली नौकरी को छोड़कर वह मशक्कली कबूतर, लव बर्ड्स, रंगीन मछली में अपना जीवन तलाशने लगा। उसके फार्म हाउस में आप सैकड़ों की तादात में रंग बिरंगे पक्षी की कलरव ध्वनी आपके कानों में ऐसी गूंजेगी कि आपको वहां से हटने का मन नहीं करेगा। दरअसल, हिमांशू खूंटे बड़े शहर में कामर्स की पढ़ाई करने के बाद उसे बैंकिंग के क्षेत्र में अच्छे पैकेज की नौकरी मिली, जिसे वह नकार दिया और उसे पक्षी पालने की शौक थी उसे ही अपनी जिंदगी मानकर आगे बढ़ा।
उसने अपने घर की छत को ही फार्महाउस में तब्दील कर दिया। (CG News) पिता जी क्लास वन की नौकरी में हैं उन्हें उनके हौसले को उड़ान भरने में मदद की और वह अपने मकसद में कामयाब हो गया। वह दो मंजिला बिल्डिंग में रंगे बिरंगे पक्षी के अलावा तकरीबन आधा एकड़ जमीन में कलरफुल मछली पालन के लिए सीमेंट का इक्वेरियम बना डाला है। जिसमें विदेसी के अलावा देसी मछली की सैकड़ों वेरायटी मिल जाएगी।
मशक्कली शब्द के कई मायने होते हैं। इसका शाब्दिक अर्थ होता है शांति और सुकून। शांति और मुक्ति के जरिए ऊंची उड़ान भरने की इच्छा, मशक्कली कबूतर को देखकर पूरी की जा सकती है। हिमांशू के फार्म हाउस में लव बर्ड्स पक्षी की भी कई वेरायटी सहसा आपको आकर्षित करेगी। उसके फार्म हाउस में विदेशी पक्षियों के पालने के तरीके व जतन देखकर आप दंग रह जाएंगे। पक्षियों के कितने तापमान में रखना है मछलियों को किस तरह ब्रीडिंग करानी है सब यहां देखने को मिलेगा।
हिमांशू खूंटे ने बताया कि उसके फार्म हाउस की पहचान क्षेत्र में नहीं बल्कि बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, भिलाई जैसे बड़े शहरों में है। क्योंकि शहर के लोग इक्वेरियम में कलरफुल मछली पालने के शौकीन होते हैं। साथ ही इस वजह से उसके फार्महाउस में मछली पालन किया जाता है और थोक में ऐसे मछलियों की डिमांड होती है।