CG News: नगरपालिका द्वारा दास्ताने, मॉस्क, एक रंग का साड़ी व जूते दिया जाता है।
CG News: न जूते न दस्ताने, फिर भी शहर से निकलने वाले कचरा उठाने व छंटनी में सफाईकर्मी जुटे हुए हैं। सबसे बड़ी बात इस गंदगी के बीच रहकर गीला व सूखा कचरा हाथ से अलग करते हैं। किसी के पास सुरक्षा के नाम पर मॉस्क तक नहीं लगाए रहते हैं।
शहर की सफाई व्यवस्था जिन कार्मिकों के कंधे पर है, उनके स्वास्थ्य को लेकर ही पालिका प्रशासन सजग नहीं है। कहीं पालिका के सफाईकर्मी तो कहीं सविंदा पर लगे कर्मचारी शहर में सफाई करते हैं। इनमें से कई कर्मचारी बिना जूते, दस्ताने व मास्क के ही कूड़ा-करकट उठाने व डपिंग यार्ड तक ले जाने का काम करते हैं। कूड़े में कई बार संक्रमण व बीमारियां फैलाने वाली वस्तुएं भी पड़ी रहती है। नतीजतन बिना सुरक्षा साधनों के काम करने पर संक्रमण फैलने व बीमार होने से इनकार नहीं किया जा सकता।
इसके बावजूद पालिका प्रशासन की ओर से इन कर्मचारियों के स्वास्थ्य को लेकर अनदेखी की जा रही है। पत्रिका की टीम ने शांति नगर स्थित एसएलआरएम सेंटर की पड़ताल की तो स्थिति देकर दंग रह गए। शहर में हर रोज सभी वार्ड में महिलाएं डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करती हैं, इसके बाद यहां कचरा को इकट्ठा करती हैं, फिर इसमें सूखा व गीला कचरा को अलग किया जाता है। शहर से निकलने वाले कचरा में कई बार संक्रमण व बीमारियां फैलाने वाली वस्तुएं भी पड़ी रहती है।
इसके बावजूद कचरा के बीच में रहकर छंटनी करती हैं। इनमें से किसी भी महिला के पास जूते, दास्ताने व मॉस्क तक नहीं थी। बड़ी बात यह है कि हाथ से कचरा अलग कर रही थीं। इसके बावजूद जिमेदार पालिका प्रशासन को इसके स्वास्थ्य की कोई चिंता नहीं है।
सफाई के काम में लगे सफाईकर्मियों ने बताया कि जूते, दस्ताने व मॉस्क लंबे समय से नहीं मिला है। इसलिए नहीं लगा रहे है, कई कर्मचारियों ने बताया कि सालभर पहले ये सामान मिले थे, अब खराब हो चुके हैं। नगरपालिका द्वारा दास्ताने, मॉस्क, एक रंग का साड़ी व जूते दिया जाता है। लेकिन लंबे समय से प्रदान नहीं किया गया है। ऐसे में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने वाली महिलाएं अलग अलग साड़ी में नजर आती है।
सीएमओ प्रहलाद पांडेय कहना है कि जूते, दस्ताने तो दिया जाता है। अधिकांश कर्मचारी इसे पहनते नहीं है। अगर नहीं मिला होगा तो जल्द ही प्रदान किया जाएगा। साथ ही सभी कर्मचारियों को पहनने के निर्देश देंगे।
पालिका कर्मचारी अधिकतर कचरा नगरपालिका के पीछे श्रम विभाग के ऑफिस के बगल में डाले जाते हैं। कई बार यह कचरा जला दिया जाता है। प्लास्टिक आदि जलने से उत्पन्न धुएं के बीच काम करते दिखाई देते हैं।