जांजगीर चंपा

जल जीवन मिशन के बाद मल्टीविलेज प्रोजेक्ट योजना भी फेल, आने वाले गर्मी तक नहीं मिलेगी सुविधा…

Jal Jiwan Mission: जांजगीर-चांपा जिले में 600 करोड़ की जल जीवन मिशन योजना का हाल बेहाल है। अब मल्टीविलेज योजना भी ठंडे बस्ते में जाते दिखाई पड़ रही है।

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Jal Jiwan Mission: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में 600 करोड़ की जल जीवन मिशन योजना का हाल बेहाल है। अब मल्टीविलेज योजना भी ठंडे बस्ते में जाते दिखाई पड़ रही है। योजना की शुरूआत जून 2024 में की गई है लेकिन अब तक योजना पूरी तरह से मूर्त रूप नहीं ले पाई है। इससे गांवों में पानी की समस्या दूर होना तो दूर एक बूंद भी योजना के तहत पानी नहीं मिल पाएगा। ऐसे में ग्रामीण परंपरागत जल स्त्रोतों से पानी लाकर गला तर करेंगे।

पीने के पानी के लिए जल जीवन मिशन के बाद लोक स्वास्थ्य यांत्रीकी विभाग ने मल्टीविलेज योजना की शुरुआत की है लेकिन योजना के तहत काम ठंडे बस्ते में दिखाई पड़ रही है। क्योंकि जल स्त्रोत का पता नहीं चल पा रहा है। इससे पहले जल जीवन मिशन का काम भी अधर में है।

Jal Jiwan Mission: जल बिन जीवन..

पीने के पानी के लिए सरकार नई-नई योजना बनाने जा रही है। इससे पहले जल जीवन मिशन की शुरुआत की गई। हालांकि 600 करोड़ की यह योजना जिले में 100 फीसदी सफल नहीं हुई। अब तक योजना के तहत 70 फीसदी काम ही हुए हैं। शेष 30 फीसदी काम अभी रुके हुए हैं। इससे लोगों को पीने का पानी नसीब नहीं हुआ है। इसके बाद सरकार मल्टीविलेज प्रोजेक्ट योजना की शुरूआत कर चुकी है।

योजना के तहत गांवों का समूह बनाकर एक टंकी से दूसरी टंकी को जोड़कर जलापूर्ति करनी थी, लेकिन योजना के तहत 8 माह बाद भी कौड़ी काम नहीं हुआ है। पानी टंकियों में आसपास के बराज से इंटकवेल बनाकर पानी की व्यवस्था करनी है। क्योंकि बराज में हमेशा पानी भरा होता है। इससे पानी की दिक्कत नहीं होती। बराज से पानी लाकर बड़ी टंकियों में भरा जाएगा। फिर गांवों में पानी की सप्लाई की जाएगी। लेकिन विभागीय अधिकारियों की नाकामियों के चलते योजना मूर्त रूप नहीं ले पा रही है।

आने वाले गर्मी तक नहीं मिलेगी सुविधा

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मल्टीविलेज प्रोजेक्ट योजना के तहत काम शुरू होने वाला था लेकिन अब तक मंथर गति से ही काम हो रहा है। यदि समय रहते काम निरंतर चलेगा तो आने वाली गर्मी के दिनों तक इस योजना के तहत ग्रामीणों को पानी मिलना तब भी मुश्किल हो लग रहा है। विभागीय सूत्रों का कहना था कि योजना के तहत वर्ष 2024 के दिसंबर माह तक काम पूर्ण करना था, लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हो पाया है।

पहले दौर में इन तीन गांवों को किया गया चिन्हांकित

मल्टीविलेज प्रोजेक्ट के तहत पहले दौर में तीन गांवों को चिन्हांकित किया गया है। जिसमें शिवरीनारायण के बसंतपुर बराज के पास बसे गांव जैसे केरा पामगढ़ सहित आसपास के गांवों का चयन किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर पामगढ़ के केरा सहित आसपास के गांवों का चयन किया गया है। इसी तरह तीसरे क्रम में चांपा के कुदरी बराज के आसपास के गांवों का चयन कर जलापूर्ति कराई जाएगी। लेकिन अब तक योजना के तहत काम शुरू नहीं हुए हैं।

Published on:
13 Feb 2025 02:19 pm
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