जांजगीर चंपा

जल जीवन मिशन के तहत 600 करोड़ रुपए का हुआ कार्य, ग्रामीण अभी भी नाराज, जानें क्यों…?

Jal Jiwan Mission: जांजगीर-चांपा जिले में जल जीवन मिशन के तहत 600 करोड़ रुपए के कार्य हुए हैं। योजन के तहत कार्यों में व्यापक गड़बड़ी हुई है।

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जल जीवन मिशन के तहत 600 करोड़ रुपए का हुआ कार्य(photo-patrika)

Jal Jeevan Mission: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में जल जीवन मिशन के तहत 600 करोड़ रुपए के कार्य हुए हैं। योजन के तहत कार्यों में व्यापक गड़बड़ी हुई है। इसकी गूंज दिल्ली तक पहुंच गई है। इसकी जांच के लिए टीम एक दो दिन के भीतर जांजगीर-चांपा आने ही वाली है। एक टीम बेमेतरा पहुंच चुकी है। तो वहीं दूसरी टीम आज या कल जांजगीर-चांपा जिले का दौरा करेगी। हालांकि इसकी अधिकृत जानकारी स्थानीय स्तर के अधिकारियों को नहीं दी गई है।

Jal Jeevan Mission: बनारी में भी यही शिकायत

गौरतलब है कि जिले में जल जीवन मिशन के तहत 600 करोड़ रुपए के काम हुए हैं। लेकिन इतनी भारी भरकम राशि में ठेकेदारों ने बंदरबांट किया है। कहीं पानी की टंकी बनाई है उसमें लीकेज है। कहीं जल स्त्रोतों का पता नहीं और सैकड़ों टंकियां बना डाली है।

ऐसे 100 से अधिक गांव हैं जहां काम पूरा नहीं हुआ और ठेकेदारों से लेन-देन कर एनओसी ले लिया और ग्रामीणों को बूंदभर पानी नहीं मिल पाया है। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने राज्य सरकार से की लेकिन उनकी शिकायत धरी की धरी रह गई। आखिरकार जब मीडिया के माध्यम से मामले की शिकायत केंद्र सरकार तक पहुंची तो सरकार ने स्पेशल टीम बनाई है। जो प्रदेश के तीन जिलों में जाएगी।

Jal Jeevan Mission: ठेकेदार व विभाग के बीच कई तरह के पेंच

एक ओर विभागीय अफसर ठेकेदारों पर दबाव बना रहे हैं कि वे सभी गांव में सुचारू रूप से पानी की सप्लाई करें, लेकिन ठेकेदारों का यह रोना है कि सरकार उनके पैसों का भुगतान नहीं कर पाई है। बताया जा रहा है कि 600 करोड़ की योजना में अब तक मात्र 400 करोड़ रुपए का भुगतान हुआ है।

200 करोड़ का भुगतान लंबित है। इसके चलते ठेकेदारों को काम से मोहभंग हो रहा है। बीच में ठेकेदारों ने कलेक्टर से गुहार लगाई थी कि तक तकरीबन एक करोड़ रुपए का भुगतान हुआ था। इसके बाद फिर से ठेकेदार लामबंद होकर काम को छोड़ दिए हैं।

जिला मुख्यालय से लगे ग्राम बनारी में भी वही ठेकेदार ने काम किया है जिसे 170 करोड़ रुपए का काम जल जीवन मिशन के तहत किया गया है लेकिन यहां की भी पानी टंकी सफेद हाथी की तरह दिखाई पड़ रही है। ग्रामीणों के मुताबिक शुरुआती दौर में पानी आ रहा था लेकिन अब सिस्टम में कई तरह की खामियां होने की वजह से कभी पानी आता है फिर कभी महीनों तक पानी नहीं मिल पाता। बड़ी बात यह है कि इस भीषण गर्मी में लोगों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है। इसके चलते ग्रामीण अच्छे खासे परेशान हैं।

एक ही ठेकेदार को 170 करोड़ का काम

आपको यह सुनकर हैरानी होगी कि जिले के एक ही ठेकेदार को 170 करोड़ रुपए का काम दे दिया गया है। उक्त ठेकेदार के सभी काम स्तरहीन बताया जा रहा है। उक्त ठेकेदार ने खोखरा, बनारी, भड़ेसर सहित सैकड़ों गांव में काम किया है। लेकिन किसी भी गांव में कोई संतुष्ट नहीं है। जिला मुख्यालय के पड़ोस के गांव खोखरा की सरपंच दुर्गा अजय राठौर का कहना है कि गांव में जल जीवन मिशन के तहत साढ़े चार करोड़ रुपए पानी की तरह फूंक दिए गए लेकिन बूंदभर पानी नहीं मिल रहा है।

वहीं दूसरी ओर ठेकेदार मुकेश शर्मा का कहना है कि कुछ सिस्टम पुरानी है। जिसमें खामियां है। हमने जल जीवन योजना के तहत काम किया है उसमें हर घरों में पानी जा रहा है। पीएचई ईई पीएस सुमन ने कहा की जल जीवन मिशन में काम की जांच के लिए टीम आने वाली है। इसकी जानकारी मिली है। टीम अपने स्तर पर जांच करेगी।

Updated on:
03 Jun 2025 02:13 pm
Published on:
03 Jun 2025 02:11 pm
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