5 Year Old Child Died In Jhalawar: देर रात तक झालावाड़ जिला प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और 3 JCB की मदद से गड्ढे खोदे। जिससे सुबह 4 बजे मासूम बालक का शव बाहर निकला। जिसके बाद शव को अस्पताल ले जाया गया।
Rajasthan Borewell Accident: खुले बोरवेलों के कारण लगातार हो रहे हादसों पर जिम्मेदार आंख मूंदें सोते रहे और डग थाना क्षेत्र के पालड़ा गांव में रविवार को पांच वर्षीय मासूम प्रहलाद करीब तीन सौ फीट गहरे खुले बोरवेल में गिर गया था। 30 फीट की गहराई पर फंसे बच्चे को निकालने के लिए प्रशासन और राहत दलों ने कड़ी मशक्कत की, लेकिन करीब 15 घंटे की कोशिशों के बावजूद मासूम को बचाया नहीं जा सका। सोमवार तड़के करीब 4 बजे मासूम का शव बाहर निकाला।
दरअसल देर रात तक झालावाड़ जिला प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और 3 JCB की मदद से गड्ढे खोदे। जिससे सुबह 4 बजे मासूम बालक का शव बाहर निकला। जिसके बाद शव को अस्पताल ले जाया गया।
बालक को बचाने के लिए गैस पाइप से ऑक्सीजन पहुंचाई गई और कैमरे से नजर रखी जा रही थी। शुरुआत में वह गड्ढे में बैठा दिखाई दिया, लेकिन कोई हलचल नहीं कर पा रहा था। अंततः सोमवार सुबह बालक की मौत की पुष्टि कर दी गई और शव बाहर निकाला।
इससे पहले दौसा में आर्यन और कोटपूतली के किरतपुरा की ढाणी बडियावाली में चेतना के साथ भी ऐसा हादसा हो चुका है, जिसमें दोनों मासूमों की मौत हो गई थी। चेतना को निकालने का ऑपरेशन करीब दस दिन चला और सरकार को दो करोड़ रुपये खर्च करने पड़े, लेकिन इन घटनाओं से भी कोई सबक नहीं लिया गया।
सुप्रीम कोर्ट के निदेशानुसार जनवरी में पंचायती राज विभाग ने इस मामले में गाइडलाइन जारी की। इसके अनुसार सरकार ने खुले बोलवेल के लिए ग्राम पंचायत से लेकर जिला परिषद सीईओ तक की जिम्मेदारी तय की है। इसमें जिला कलक्टरों को जुर्माना लगाने का अधिकार भी दिया गया है।