झालावाड़

बच्चे और युवाओं में नशा घोल रहा कैफीनयुक्त एनर्जी ड्रिंक्स, बेरोक-टोक बिक्री

– बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा विपरीत असर झालावाड़.कैफीनयुक्त एनर्जी ड्रिंक्स बच्चे व युवाओं में नशा घोल रहे हैं। आश्चर्य है कि ये ड्रिंक्स बच्चों व गर्भवती महिलाओं के लिए निषेध हैं फिर भी इनकी बेरोकटोक बिक्री हो रही है। इनमें नशीले पदार्थ कैफीन की हाईडोज होने के बाद भी ऐसा हो रहा है। […]

2 min read

- बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा विपरीत असर

झालावाड़.कैफीनयुक्त एनर्जी ड्रिंक्स बच्चे व युवाओं में नशा घोल रहे हैं। आश्चर्य है कि ये ड्रिंक्स बच्चों व गर्भवती महिलाओं के लिए निषेध हैं फिर भी इनकी बेरोकटोक बिक्री हो रही है। इनमें नशीले पदार्थ कैफीन की हाईडोज होने के बाद भी ऐसा हो रहा है। इनके सेवन से युवाओं, बच्चों के शरीर पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। मनोचिकित्सा केंद्र पर ऐसे बच्चे और युवा आ रहे हैं, जो इनके आदी बन चुके हैं। दरअसल,शहर के कई पॉश इलाकों में स्कूल, कॉलेज व कोचिंग संस्थानों के आसपास चाय की दुकानों, कैफे, डेयरी बूथों पर कुछ कंपनियों के सस्ते एनर्जी ड्रिंक खुले आम बेचे जा रहे हैं। कंपनियों की ओर से इनके सेवन से एनर्जी मिलने के गलत प्रचार-प्रसार से बच्चे, युवा अनजाने में नशे के आदी बन रहे हैं। इसकी दो बोतल यानी 500 एमएल से ज्यादा सेवन करना बेहद नुकसानदायक है, क्योंकि एक बोतल में 0.03 प्रतिशत यानी 72 मिलीग्राम कैफीन पाया जाता है। यह जानकारी बोतल पर अंकित है फिर भी अनदेखी हो रही है।

पिछले साल महाराष्ट्र में लगी रोक,यहां भी जरूरी-

पिछले साल महाराष्ट्र सरकार ने मामले में गंभीरता जताते हुए स्कूल और कॉलेजों के 500 मीटर के दायरे में कैफीनयुक्त एनर्जी ड्रिंक की बिक्री पर रोक लगाई थी। नियम नहीं मानने पर फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए थे। लोगों का कहना है कि अब राजस्थान समेत देशभर में इस तरह का आदेश जारी करने की जरूरत है। बच्चों पर नजर रखें परिजन- इस मामले में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कैफीन के नशे की लत बच्चे व युवा में पड़ जाए तो उसे छोड़ पाना बहुत मुश्किल होता है। शरीर पर कई तरह के दुष्प्रभाव डाल सकती है। बच्चों को ऐसे ड्रिंक्स से दूर रखने का सबसे बेहतर उपाय है कि अभिभावक खुद इनसे दूरी बनाए रखें। वे ऐसी चीजों को घर में न लाएं।

यह होती है बीमारियां

-हाइपरटेंशन -टाइप 2 डायबिटीज

-डीहाइड्रेशन, बेचैनी, चिंता

-दांतों से संबंधित परेशानियां

- पेट में जलन, संक्रमण

- वजन बढऩा

- रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होना

सूची बनवा रहे-

ये सही है कि स्कूल और कॉलेजों के 500 मीटर के दायरे में कैफीनयुक्त एनर्जी ड्रिंक बेचना गलत है। हम सैंपल ले रहे हैं, मिस ब्रांड पाया जाने पर कारवाई करते हैं, कुछ स्थानों पर अभी सैंपल भी लिए है। सूची बनवा रहे हैं कहां-कहां बिक्री हो रही है। अभियान चलाकर कार्रवाई करवाएंगे।

डॉ.साजिद खान, सीएमएचओ, झालावाड़।

अभिभावक तय करें-

कैफीनयुक्त एनर्जी ड्रिंक्स बच्चे व युवाओं में नशा की लत बढ़ा सकते हैं। इसमें एडिक्शन वाला पार्ट होने से बच्चे व युवा इसे ज्यादा लायक करते हैं। अभिभावक तय करें कि बच्चों को क्या देना चाहिए। इनकी जगह अभिभावक घर में शिकंजी, जूस, छाछ, लस्सी आदि दे सकते हैं। कोल्ड डिं्रक्स में किसमें कितनी मात्रा है यह बता पाता मुश्किल है, लेकिन बच्चों में इसके नुकसान बहुत ज्यादा है।

डॉ.कमल गुप्ता, शिशि रोग विशेषज्ञ, झालावाड़।

Published on:
07 Apr 2025 11:27 am
Also Read
View All

अगली खबर