झालावाड़

Jhalawar School Incident: 7 बच्चों की मौत पर राहुल गांधी ने जताया दुख, कांग्रेस कार्यकर्ताओं से की ये अपील

Jhalawar School Building Collapse: राजस्थान के झालावाड़ जिले में शुक्रवार सुबह एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जिसमें मनोहरथाना ब्लॉक के पीपलोदी सरकारी स्कूल की एक क्लासरूम की छत ढह गई।

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फोटो- पत्रिका नेटवर्क

Jhalawar School Building Collapse: राजस्थान के झालावाड़ जिले में शुक्रवार सुबह एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जिसमें मनोहरथाना ब्लॉक के पीपलोदी सरकारी स्कूल की एक क्लासरूम की छत ढह गई। इस त्रासदी में 7 बच्चों की मौत हो गई, जबकि 28 बच्चे घायल हुए, जिनमें 9 की हालत गंभीर बनी हुई है। हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गहरा दुख व्यक्त किया है।

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राहुल गांधी ने खेद प्रकट किया

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने झालावाड़ के मनोहरथाना इलाके में स्कूल बिल्डिंग हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि राजस्थान के झालावाड़ में स्कूल की छत गिरने से कई मासूम बच्चों की मृत्यु और अनेकों के घायल होने की खबर बेहद दुखद है। उन्होंने शोकसंतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा करता हूं। कांग्रेस के सभी साथियों से अपील है कि राहत और बचाव कार्य में हर संभव सहायता प्रदान करें।

प्रार्थना सभा के समय हुआ हादसा

बता दें, हादसे के समय 7वीं कक्षा के 35 बच्चे क्लासरूम में मौजूद थे, जो मलबे में दब गए। हादसा सुबह उस समय हुआ, जब भारी बारिश के बीच स्कूल में प्रार्थना सभा के लिए बच्चों को मैदान में इकट्ठा करने के बजाय क्लासरूम में बैठाया गया ताकि वे भीगने से बच सकें। ग्रामीणों के अनुसार, बारिश के कारण छत कमजोर हो गई और अचानक ढह गई।

स्थानीय लोगों और शिक्षकों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया और मलबे में दबे बच्चों को निकालकर मनोहरथाना अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल के अनुसार, 5 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि 2 ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। गंभीर रूप से घायल 9 बच्चों को झालावाड़ जिला अस्पताल रेफर किया गया है।

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इस हादसे ने गंभीर सवाल खड़े किए

कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ ने बताया कि शिक्षा विभाग को पहले ही जर्जर भवनों में स्कूल न चलाने के निर्देश दिए गए थे। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि यह स्कूल जर्जर भवनों की सूची में शामिल नहीं था, न ही यहां छुट्टी घोषित की गई थी। हैरानी की बात यह है कि घटना की जांच से पहले ही प्रशासन ने स्कूल की शेष इमारत को जेसीबी से ढहा दिया, जिससे सबूतों के नष्ट होने की आशंका जताई जा रही है।

ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल में कुल 7 क्लासरूम हैं और हादसे के समय 71 बच्चे स्कूल में मौजूद थे। दो शिक्षक भी मौके पर थे, लेकिन वे उस समय इमारत से बाहर थे और सुरक्षित रहे। इस हादसे ने प्रशासनिक लापरवाही और जर्जर भवनों की मरम्मत में देरी पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

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Updated on:
25 Jul 2025 04:50 pm
Published on:
25 Jul 2025 03:27 pm
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