Jhansi News: मानसून के आगमन के बावजूद, झांसी में सूखे की आशंका बढ़ रही है। 50% से भी कम बारिश के साथ, क्षेत्र में जल संकट गहरा रहा है। खासतौर पर गरौठा क्षेत्र में, जहां आसमान से बूंदें बरसने का नाम ही नहीं ले रही हैं।
Jhansi News: मॉनसून सीजन शुरू होने के बावजूद, झांसी में अभी तक अच्छी बारिश नहीं हुई है। 50% से भी कम बारिश के साथ, क्षेत्र में सूखे की स्थिति पैदा हो रही है। खासतौर पर गरौठा क्षेत्र में, जहां आसमान से बूंदे बरसने का नाम ही नहीं ले रही हैं।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि कमजोर मानसून और अर्ध शुष्क जलवायु इस कम बारिश का मुख्य कारण है। बुन्देलखण्ड में, औसतन मानसून 21 जून से सक्रिय हो जाता है, और झांसी में सालाना 33-36 इंच बारिश होती है। लेकिन, हर पांच साल में तीन साल औसत से कम बारिश होती है।
मानसून सीजन के शुरुआती महीनों में, जून में 3 इंच और जुलाई में 13 इंच बारिश का औसत होता है। इस साल, हालांकि, केवल 7 इंच बारिश हुई है, जिसमें से जून में केवल 2 इंच बारिश दर्ज की गई है।
क्षेत्रवार, गरौठा तहसील में सबसे कम 1 इंच बारिश हुई है, जबकि टहरौली में 1.5 इंच, मऊरानीपुर और मोठ में 2.31 इंच, और झांसी तहसील में 2.5 इंच बारिश हुई है।
जुलाई के पहले सप्ताह में हुई हल्की बारिश से मानसून के सक्रिय होने की उम्मीद थी, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। मौसम विभाग ने बुधवार को 38 डिग्री सेल्सियस अधिकतम और 27 डिग्री न्यूनतम तापमान दर्ज किया, जो प्रदेश में सबसे अधिक था।
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 11 जुलाई को भारी बारिश हो सकती है, लेकिन अगले चार दिनों तक सामान्य बारिश की ही उम्मीद है।
मौसम वैज्ञानिक डॉ. मुकेश चंद्र का कहना है कि मौसम के पूर्वानुमान में बदलाव और मानसून के कमजोर होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मुख्य रूप से वैश्विक जलवायु परिवर्तन और स्थानीय मौसम पैटर्न में बदलाव शामिल हैं। इसके अलावा, वनों की अंधाधुंध कटाई भी एक महत्वपूर्ण कारक है।